स्वच्छ-निर्मल गंगा की धारा की ऑनलाइन मॉनीटरिंग
Prayagraj News - प्रयागराज में यूपी जल निगम ने जियो ट्यूब तकनीक पर आधारित ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया है। यह प्लांट शहर के 23 अनटैप्ड नालों के अपशिष्ट जल का शोधन कर प्रतिदिन 100 से 130 एमएलडी पानी गंगा में छोड़ता...

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। यूपी जल निगम ने जियो ट्यूब तकनीक आधारित ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है, जो शहर के सभी 23 अनटैप्ड नालों के अपशिष्ट जल का शोधन कर रहे हैं। प्रतिदिन 100 से 130 एमएलडी पानी जियो ट्यूब तकनीक से ट्रीट करने के बाद गंगा में छोड़ा जा रहा है। आधुनिक तकनीक की मदद से गंगा की धारा की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा रही है।
सहायक अभियंता प्रफुल्ल कुमार सिंह ने बताया कि यह ट्रीटमेंट प्लांट 14 दिनों के ट्रायल रन के बाद एक जनवरी से अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में सात अलग- अलग साइटों शिवकुटी, एडीए, सलोरी, ससुरखेदरी, जोंडेलवाल, राजापुर और सदर बाजार से आ रहे नालों को बंधा बनाकर टैप किया जा रहा है। टैपिंग के बाद पम्प इंस्टॉल कर पॉलीमर और पीएसी दोनों केमिकल मिलाकर इन नालों के पानी को 25 मीटर के सात अलग अलग जियो ट्यूब में भेजा जाता है। इन दोनों केमिकल की डोजिंग से पानी में मौजूद गंदगी जियो ट्यूब में जाकर धीरे-धीरे बैठने लगती है और ट्यूब के पोर्स से पानी बाहर निकलने लगता है। जियो ट्यूब में पानी जाने के बाद इसमें कंपन्न बना रहे, इसके लिए लेबर मैनुअली इसे डंडे से पीटते हैं। यहां से निकलने वाला पानी सीधे ड्रेन में स्टॉल कैविटेशन टैंक में जाता है, जहां इस पानी में हाइड्रोजन पैराऑक्साइड मिलाया जाता है। इसके बाद पानी और शुद्ध बनाने के लिए ओजोनाइजेशन किया जाता है। हाइड्रोजन पैरॉक्साइड और ओजोनाइजेशन से पानी को पूरी तरह शुद्ध कर नदियों में छोड़ दिया जाता है।
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