परीक्षा पर एसटीएफ-एलआईयू की नजर, निश्चिंत रहें छात्र
Prayagraj News - प्रयागराज में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक होंगी। 54,32,519 छात्रों के लिए नकल माफिया पर निगरानी रखने के लिए एसटीएफ और एलआईयू को लगाया गया है। परीक्षा...
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प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही है। 24 फरवरी से 12 मार्च तक होने वाली परीक्षा के लिए पंजीकृत 54,32,519 छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड ने व्यापक इंतजाम किए हैं। परीक्षा की तैयारियों को लेकर बोर्ड सचिव भगवती सिंह से आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने बातचीत की। उनका कहना है कि परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की अवांछित हरकत रोकने के लिए नकल माफिया पर एसटीएफ और एलआईयू की नजर भी रहेगी इसलिए छात्र-छात्राएं निश्चिंत होकर परीक्षा पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। प्रस्तुत है साक्षात्कार- प्रश्न: नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षा के लिए क्या रणनीति बनाई है?
उत्तर: पहली चीज तो परीक्षा से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति हाई अलर्ट पर है। सारी व्यवस्थाएं जैसे केंद्रों पर सही से प्रश्नपत्र पहुंच जाए, कक्ष निरीक्षकों की तैनाती हो गए, उनका प्रशिक्षण हो जाए, अफसरों का विभिन्न विभागों से समन्वय हो जाए आदि सुनिश्चित कर ली गई है। बोर्ड मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों के साथ भी लगातार बात कर रहे हैं। एक महीने से हेल्पडेस्क चल रही है। सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यम जैसे फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और वेबसाइट के माध्यम से परीक्षार्थियों की काउंसिलिंग करने के साथ ही उन्हें सूचनाएं और परीक्षा सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। शैक्षणिक और मनोवैज्ञानिक हर तरह की सहायता देने का प्रयास है ताकि बच्चे की किसी भी समस्या का तुरंत निदान हो जाए। परीक्षा को लेकर किसी तरह की अफवाह न फैले और न ही किसी तरह से नकल माफिया सक्रिय हो सकें, इसके लिए एसटीएफ और एलआईयू के स्तर से निगरानी हो रही है। बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की सूची और नंबर सुरक्षा एजेंसियों को उपलब्ध करा दिए हैं ताकि संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा सके।
प्रश्न: छात्रहित में इस बार की बोर्ड परीक्षा में क्या नए प्रयोग कर रहे हैं?
उत्तर: बोर्ड परीक्षा के लिए पहली बार केंद्र पर ही अतिरिक्त पेपर रखवा रहे हैं ताकि आपात स्थिति में परीक्षार्थियों को घर न लौटना पड़े और परीक्षा दे सकें। केंद्र व्यवस्थापकों और परीक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस ली जाएगी। सॉफ्टवेयर आधारित हाजिरी से यह पता चल जाएगा कि जिस विषय की परीक्षा है कहीं उसी विषय के शिक्षक की ड्यूटी तो नहीं लगी है। ऐसा होने पर तुरंत बोर्ड मुख्यालय को पता चल जाएगा। इस बार नए एक्ट के आधार पर परीक्षा करवाई जा रही है जिसमें हर पहलू को कवर किया गया है। सबसे बड़ी चीज है अंतिम समय तक परीक्षार्थियों की सूचना में संशोधन का मौका दिया है ताकि किसी बच्चे को परेशानी न हो। अब तक 20 हजार से अधिक बच्चों के विषय, जेंडर और नाम आदि में संशोधन किए जा चुके हैं। प्रायोगिक परीक्षा में पहली बार जियो फेसिंग कराई गई और ऑनलाइन नंबर अपलोड कराए गए।
प्रश्न: कॉपियों की अदला-बदली रोकने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?
उत्तर: उत्तरपुस्तिकाओं के प्रत्येक पन्ने की नंबरिंग की गई है। डिजाइन भी बदली गई है ताकि पिछले साल की कॉपी का उपयोग न होने पाए। स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ परीक्षा केंद्रों तक कॉपियां भेजी गई ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके बावजूद किसी भी स्तर से कॉपी की अदला-बदली की शिकायत मिलती है तो दोषियों के खिलाफ इतनी कड़ी कार्रवाई होगी कि भविष्य में कभी ऐसी हरकत के बारे में सोचेंगे भी नहीं।
प्रश्न: हाईस्कूल और इंटर के बोर्ड परीक्षार्थियों को क्या सलाह देंगे?
उत्तर: मेरी तो बच्चों को एक ही सलाह है कि बिना किसी तनाव के पूरे मनोयोग के साथ परीक्षा में प्रतिभाग करें। खूब मेहनत करें और तनाव न लें क्योंकि यह परीक्षा सिर्फ एक पड़ाव है कोई अंत नहीं है। भाग्य भले ही हमारे बस में न हो लेकिन मेहनत ऐसी चीज है जो सिर्फ और सिर्फ हमारे हाथ में है। परीक्षार्थियों की किसी भी तरह की समस्या के लिए बोर्ड हरदम उनके साथ है।
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