छावनी परिषद के उपाध्यक्ष के बढ़ेंगे अधिकार
छावनी परिषद की नई कार्यकारिणी में इस बार कई बदलाव किए जाएंगे। जनता द्वारा चुने गए उपाध्यक्ष को तीन प्रमुख समितियों का अध्यक्ष बनाया जाएगा। उसके अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी। छावनी परिषद के अध्यक्ष...
छावनी परिषद की नई कार्यकारिणी में इस बार कई बदलाव किए जाएंगे। जनता द्वारा चुने गए उपाध्यक्ष को तीन प्रमुख समितियों का अध्यक्ष बनाया जाएगा। उसके अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी। छावनी परिषद के अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष का निर्णय महत्वपूर्ण होगा। छावनी परिषद के सात वार्डों के लिए सदस्यों का चुनाव अगले साल जनवरी में प्रस्तावित है।
कोरोना संक्रमण की वजह से प्रयागराज समेत देश की सभी छावनी परिषद का चुनाव दो बार टाला जा चुका है। छावनी परिषद एक्ट के मुताबिक अधिकतम दो बार ही चुनाव को टाला जा सकता है। तीसरे बार चुनाव कराना ही होगा। आगामी चुनाव के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अब तक की व्यवस्था के तहत छावनी परिषद के सदस्यों को जनता चुनती थी। चुने गए सदस्य अपने में से किसी को परिषद का उपाध्यक्ष चुनते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। सदस्यों के साथ ही उपाध्यक्ष का चुनाव भी जनता ही करेगी। साथ ही उपाध्यक्ष का अधिकार भी बढ़ाया जाएगा। चुने गए उपाध्यक्ष को छावनी परिषद की पर्यावरण, शिक्षा और वित्तीय समिति का अध्यक्ष बनाया जाएगा। इन तीनों समितियों के निर्णय लेने में उसकी अहम भूमिका होगा। छावनी परिषद के सीईओ माने अमित कुमार बाबूराव का कहना है कि अगले चुनाव में उपाध्यक्ष का चयन जनता द्वारा होगा। साथ ही उपाध्यक्ष के अधिकार भी बढ़ेंगे।
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