बोले प्रयागराज: जिनसे है आयोग की बुनियाद, उन अभ्यर्थियों में ही संशय बरकरार
Prayagraj News - उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस 2024 प्री परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद कई प्रतियोगी छात्रों में असंतोष बढ़ गया है। छात्रों का कहना है कि उन्हें सही उत्तरकुंजी और परीक्षा प्रक्रिया में...

प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती संस्था लोक सेवा आयोग से इन दिनों कई प्रतियोगी छात्र संतुष्ट नहीं हैं। पीसीएस 2024 प्री परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद से आयोग के प्रति इनका असंतोष बढ़ा है, इससे पूर्व प्रतियोगियों ने पिछले साल इसी परीक्षा में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) लागू कर प्रारंभिक परीक्षा एक से अधिक दिन कराए जाने के आयोग के फैसले को लेकर उग्र आंदोलन किया था, जिसे देखते हुए आयोग को अपना फैसला बदलना पड़ा था। आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत कहते हैं कि आयोग का अस्तित्व प्रतियोगी छात्रों से है लेकिन छात्र इसे शंका भरी नजरों से ही देखते हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने छात्रों से बातचीत की, जिसमें यह बात निकल कर आई कि आयोग को विश्वास बहाली के लिए कई कदम उठाने पड़ेंगे, तभी प्रदेश के तमाम शहरों और गांवों से अपने सपनों को साकार करने के लिए आने वाले छात्रों का भरोसा फिर से कायम हो सकेगा।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 28 फरवरी को पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। उसके बाद से बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र नाराज चल रहे हैं। प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों का दावा है कि 76 प्रश्न सही करने वाले छात्र प्रारंभिक परीक्षा में पास हो गए जबकि 82 से 84 प्रश्न तक सही करने वाले छात्र प्रारंभिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग खुद की तुलना संघ लोक सेवा आयोग से करता है लेकिन उत्तरकुंजी तक समय से जारी नहीं करता। पीसीएस 2024 का ही उदाहरण लें, प्रश्नों पर आपत्ति करने वालों को यह नहीं पता कि उनकी आपत्ति स्वीकार हुई या नहीं। कितने प्रश्न डिलीट किए गए और कितनों में संशोधन हुआ। इसके चलते संशय की स्थिति बनी हुई है। अगली परीक्षा की तैयारी में भी मन लग रहा है। आखिरकार जब आयोग हम छात्रों के लिए है तो हमसे किस बात का पर्दा है। हम अपनी परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का सही जवाब ही तो जानना चाह रहे हैं तो उसमें क्या अड़चन है। इससे पारदर्शी व्यवस्था तो बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की है जहां समय से अंतिम उत्तरकुंजी तो मिल जाती है। आखिर क्या कारण है कि आरओ/एआरओ 2021, पीसीएस 2022 और पीसीएस 2023 की अंतिम उत्तरकुंजी आज तक जारी नहीं की गई। हमें अंधेरे में क्यों रखा जा रहा है।
पीसीएस में चयन की अनंतिम सूची क्यों
लोक सेवा आयोग ने इस बार पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में अनंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की है। पिछले साल तक यह अंतिम सूची होती थी। प्रतियोगी छात्र राजन त्रिपाठी का कहना है कि लोक सेवा आयोग कदम-कदम पर अभ्यर्थियों को अंधेरे में रखने का काम करता है। आखिरकार हम किस प्रकार आयोग पर विश्वास करें। अनंतिम सूची से क्या आशय है। क्या आयोग इस परिणाम को संशोधित करने पर विचार कर रहा है या फिर उसे आशंका है कि इसके खिलाफ याचिकाएं होंगी।
ये कैसे विशेषज्ञ, 150 सवाल सही नहीं पूछ पाते
अभ्यर्थियों का सवाल है कि लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञों की टीम में कौन लोग शामिल हैं जो पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के 150 सवाल सही नहीं पूछे पाते। संघ लोक सेवा आयोग पूरे देश में परीक्षा कराता है और एक सवाल भी गलत नहीं होता। वहीं यूपीपीएससी की परीक्षा में 10-12 प्रश्न गलत होना आम बात है। यही नहीं, सीसैट के प्रश्नों में भी गलतियां रहती है। इतनी प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए किन लोगों से प्रश्नपत्र बनवाए जा रहे हैं। प्रतियोगी छात्र राजन त्रिपाठी का कहना है कि सारे विवाद की जड़ गलत प्रश्न है। इनकी आड़ में सारी गड़बड़ी होती है।
कब घोषित होगी आरओ/एआरओ 2023 की परीक्षा तिथि?
समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 प्रारंभिक परीक्षा को लेकर छात्रों का इंतजार अब तक खत्म नहीं हो सका है। लोक सेवा आयोग की ओर से नवंबर में गठित कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक न होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। समिति का गठन हुए साढ़े तीन महीने से अधिक हो चुके हैं लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि परीक्षा एक दिन होगी या दो दिन में। पिछले साल 11 फरवरी को आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद मुख्यमंत्री ने छह महीने में दोबारा परीक्षा कराने की घोषणा की थी लेकिन 14 महीने बाद भी तिथि ति घोषित नहीं हो सकी है।
बोले प्रतियोगी
चाहे आरओ/एआरओ 2023 की परीक्षा तिथि घोषित करने का मुद्दा हो या पीसीएस 2024 की अंतिम उत्तरकुंजी का मसला, आयोग अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका है। आयोग की वर्तमान व्यवस्था में छात्र खुद को पीड़ित महसूस कर रहे हैं।
राजन त्रिपाठी
उत्तरकुंजी पर आपत्ति लेते हैं। संशोधन के बाद रिजल्ट आता है लेकिन संशोधित उत्तरकुंजी नहीं देते। कैलेंडर में आरक्षित तिथि रहती है किस तारीख को कौन सी परीक्षा होगी स्पष्ट नहीं होता, छात्र तैयारी कैसे करें।
विकास सिंह
150 प्रश्न में हमें नहीं पता कि डिलीट हुए प्रश्नों की संख्या 15, 20 है या 12 प्रश्न। इन्हीं में से कुछ प्रश्न फिर रिपीट होते हैं। अंतिम उत्तरकुंजी कौन सा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जो हमें गुमराह करते हैं।
अजीत कुमार
12 साल में हमें सात बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। आप अपनी तुलना यूपीएससी से करते हैं। पीसीएस-जे की कॉपियां बदल गई। हर बात के लिए कितना कोर्ट जाएं, फेल हुए या किया गया इसी विडंबना में हैं।
शिवम दुबे
बोले जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के निर्णय के अनुसार परिणाम निकलने के बाद ही हम कटऑफ जारी करते हैं। गलत प्रश्नों पर मिली आपत्तियों के निराकरण के बाद परिणाम घोषित किया है। गलत प्रश्न पर विशेषज्ञों को डिबार किया जाता है। आरओ/एआरओ के संबंध में जल्द निर्णय होने की उम्मीद है। अभ्यर्थियों के हित के लिए हम हमेशा प्रयासरत है।
अशोक कुमार, सचिव उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
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