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भारत की भूमि भक्ति-भजन से ओतप्रोत : तुलसी

Prayagraj News - भारत एक आध्यात्मिक देश है जहां भक्ति और भजन की परंपरा गहरी है। संत तुलसी ने महाकुंभ में कहा कि लोग भूत, देवी-देवताओं और भगवान की उपासना करते हैं। भजन करने से कल्याण होता है, जैसा कि गीता में भगवान...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजWed, 5 Feb 2025 07:23 PM
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भारत की भूमि भक्ति-भजन से ओतप्रोत : तुलसी

भारत एक आध्यात्मिक देश है। यहां की भूमि भक्ति भजन से ओतप्रोत है। विदेशी लोग भी धर्म की शिक्षा लेने और भजन की विधि जानने भारत आते हैं। 84 लाख योनियों में मनुष्य श्रद्धा का एक पुतला मात्र है। मनुष्यों की श्रद्धा कहीं न कहीं अवश्य होती है। वह भजन भक्ति कुछ न कुछ अवश्य करता है। उक्त बातें महाकुम्भ क्षेत्र के सेक्टर 17 में स्थित संत अड़गड़ानंद के शिविर में संत तुलसी ने कहीं। उन्होंने कहा कि वैदिक और अनादिकाल से तीन प्रकार की साधना लोग करते चले आ रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। एक तो भूत प्रेतों की लोग उपासना करते हैं। दूसरी उपासना देवी-देवताओं की करते हैं और तीसरी उपासना भगवान की करते हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में ऋषि-मुनियों ने भजन करने से कल्याण की बात ऐसे ही नहीं कही है। ध्रुव और प्रह्लाद उदाहरण स्वरूप हैं जिनका भजन करने से कल्याण हुआ है। धर्मग्रंथ बताते हैं किसने किसकी आराधना की और उसका परिणाम क्या निकला। गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं अर्जुन, जो भूतों को पूजता है वह भूतों को प्राप्त होता है। जो देवताओं को पूजता है वह देवताओं को प्राप्त होता है और जो मेरी उपासना करते हैं वह मुझे प्राप्त होते हैं। परमहंस आश्रम फरीदाबाद से चिंतमयानंद,मप्र से बिल्लू, शक्तेशगढ़ से तानसेन, बच्चा बाबा, कुंवरबाबा ने भी कर्म के साथ भजन की विधियों पर प्रकाश डाला।

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