रोता रहा बेटा, पिता को नहीं दिला सका इलाज
उफ्फ ये बेबसी! एसआरएन परिसर में अपने पिता के शव को पकड़कर रो रहे प्रशांत दुबे को जिंदगीभर इस बात का मलाल रहेगा कि उसके पिता ने इलाज के अभाव में दम...
प्रयागराज। वरिष्ठ संवाददाता
उफ्फ ये बेबसी! एसआरएन परिसर में अपने पिता के शव को पकड़कर रो रहे प्रशांत दुबे को जिंदगीभर इस बात का मलाल रहेगा कि उसके पिता ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया और वह कुछ नहीं कर सका। इलाज तो दूर उनके लिए कुछ पल ऑक्सीजन का भी इंतजाम न कर सका।
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल परिसर में गुरुवार शाम हंडिया निवासी प्रशांत दुबे अपने पिता के पार्थिव शरीर को पकड़कर रो रहा था। उसका दर्द देखकर आसपास के लोगों के पूछने पर प्रशांत ने बताया कि उसके पिता को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। वह गांव से 40 किलोमीटर दूर इलाज कराने के लिए शहर लेकर आया। निजी अस्पतालों में भटका लेकिन कहीं पर भी किसी ने भर्ती नहीं किया। आखिर में अपने पिता को लेकर वह एसआरएन पहुंचा। भर्ती कराने के लिए सबसे गुहार लगाई। कहीं मदद नहीं मिलने पर वह अपने पिता को लेकर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में जाने लगा। इस दौरान उसके पिता सीढ़ियों के पास गिर गए। ऐसी हालत में परेशान हो प्रशांत स्ट्रेचर लेकर आया और कुछ लोगों की मदद से स्ट्रेचर पर पिता को लेटा दिया। उस वक्त उनकी सांसे चल रही थीं। पिता को स्ट्रेचर पर छोड़कर वह दोबारा अस्पताल के अंदर पहुंचा। बेड न मिलने पर ऑक्सीजन लगाने की गुहार लगाता रह गया। अस्पतालकर्मियों ने कोई मदद नहीं की। मायूस होकर जब लौटा तो सब कुछ खत्म हो चुका था। उसके पिता की मौत हो चुकी थी।
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