महाकुम्भ में भगदड़ के बाद बढ़ी सतर्कता, खुले पांटून पुल व वीआईपी कल्चर पर रही रोक
Prayagraj News - महाकुम्भ मेला में संगम नोज पर भगदड़ के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई है। मेला में जाने वाले रास्ते अलग कर दिए गए हैं और गाड़ियों की इंट्री पर रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पांटून पुल खोले गए...
महाकुम्भ नगर, वरिष्ठ संवाददाता महाकुम्भ मेला में संगम नोज पर हुई भगदड़ के बाद गुरुवार को सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। मेला में आने-जाने के रास्ते अलग कर दिए गए हैं। वहीं प्रयागराज शहर में गाड़ियों की इंट्री पर रोक है। मेला क्षेत्र में नो-व्हेकिल जोन का सख्ती से पालन किया जा रहा है। वहीं वीवीआईपी पास भी चार फरवरी तक रद्द कर दी गई है। श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए अधिकांश पांटून पुल भी खोल दिया गया है। ताकि एक स्थान पर भीड़ एकत्रित होने से रोका जा सके।
मौनी अमावस्या के एक दिन पूर्व मंगलवार की देर रात लगभग दो बजे संगम नोज पर खंभा नंबर 157 के समीप भीड़ के दबाव की वजह से बैरिकेडिंग टूट गई थी। इससे काफी संख्या में लोग समीप जमीन पर सो रहे श्रद्धालुओं पर गिर गए और भगदड़ मच गई। हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। घटना के बाद कुम्भ पुलिस की सतर्कता बढ़ गई है। संगम नोज से लेकर मेला क्षेत्र के प्रमुख स्थानों पर ड्यूटीरत पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। शहर संगम नोज की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं को रोका तो नहीं जा रहा है, लेकिन घाट पर काफी देर तक भीड़ को रूकने से मना जरूर किया जा रहा है। ताकि भीड़ के दबाव को नियंत्रित किया जा सके।
एकल मार्ग पर भी घुस गए श्रद्धालु
मेला क्षेत्र में पांटून पुल पर एकल मार्ग का सख्ती से पालन हो रहा है। ग्रीन कारिडोर वाले पांटून पुल को छोड़कर आम श्रद्धालुओं के लिए निर्धारित पांटून पुल खोल दी गई है। हालांकि संगम स्नान के बाद निकासी वाले त्रिवेणी मार्ग पर एकल यातायात का शत प्रतिशत पालन नहीं हो रहा है। काली मार्ग से लोग प्रवेश जरूर कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग पार्किंग एरिया से अंदर आकर लाल सड़क होते हुए त्रिवेणी मार्ग से संगम जाने को नहीं रूक रहे हैं। इसको लेकर पुलिस को कई बार बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया गया।
रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन का पालन
मौनी अमावस्या के बाद श्रद्धालुओं के सुरक्षित गंतव्य को रवाना करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। प्रयागराज जंक्शन से लेकर रामबाग, झूंसी व नैनी पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सीधे प्लेटफार्म पर नहीं भेजा जा रहा है। पहले यात्री आश्रय में रोका जा रहा है। इसके बाद बारी-बारी से ट्रेन आने पर प्लेटफार्म पर जाने की अनुमति दी जा रही है। प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ बढ़ी तो सीधे खुसरोबाग यात्री आश्रय में यात्रियों को भेजा गया। बस अड्डों से भीड़ प्रबंधन इसलिए आसान हो गया, क्योंकि सभी अस्थाई बस अड्डे शहर के दूसरी ओर से संचालित किए जा रहे हैं। सिविल लाइंस बस अड्डा से बसों का संचालन बंद है।
वर्जन :
मेला में श्रद्धालुओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन व संगम स्नान के लिए एकल मार्ग का पालन कराया जा रहा है। भीड़ को एक जगह एकत्रित होने से रोकने का प्रयास है। सभी अधिनस्थ अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है। - वैभव कृष्ण, डीआईजी कुम्भ।
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