राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और सीएम तक पहुंचा संतों का विवाद
नवंबर 2019 में दारागंज के निरंजनी अखाड़े के कार्यालय में हुई महंत आशीष गिरि की मौत का मामला अब दिल्ली दरबार तक पहुंच गया...
प्रयागराज वरिष्ठ संवाददाता
नवंबर 2019 में दारागंज के निरंजनी अखाड़े के कार्यालय में हुई महंत आशीष गिरि की मौत का मामला अब दिल्ली दरबार तक पहुंच गया है। निरंजनी अखाड़े से निष्कासित योगगुरु महंत आनंद गिरि ने आशीष गिरि की मौत की जांच के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। योगगुरु ने कहा कि संतों के इस प्रकार मारे जाने पर अब मौन रखना मुश्किल हो गया है।
निरंजनी अखाड़े की एकतरफा कार्रवाई से नाराज महंत आनंद गिरि ने अब अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि को चौतफरा घेरने की तैयारी कर ली है। जहां इस मुद्दे पर एक ओर महंत नरेंद्र गिरि कुछ बोलने से इनकार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर महंत आनंद गिरि आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं। उन्होंने सोमवार को एक बार फिर महंत आशीष गिरि की मौत के प्रकरण को पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने सवाल दागा है कि आखिर आशीष गिरि प्रकरण में जांच रिपोर्ट अब तक सामने क्यों नहीं आई है। स्वामी आनंद गिरि ने कहा कि निरंजनी अखाड़े की जमीनों को केवल एक ही व्यक्ति के लाभ के लिए लगातार बेचा जाता रहा है। इस प्रकरण पर पूर्व में उनकी गुरु महंत नरेंद्र गिरि से कई बार बहस हो चुकी है। हरिद्वार कुम्भ के पूर्व भी एक जमीन बेचने का मामला सामने आया था। महंत आनंद गिरि ने जब पंच परमेश्वर से कहा तो उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि जमीन न बेची जाए। बाद में विरोध पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। मढ़ी पर बैठे संतों को महंत आनंद गिरि प्रणाम करने गए तो उस वक्त भी यह नहीं बताया गया कि उनके खिलाफ आरोप पर सुनवाई हो रही है, जो कि अखाड़े के संविधान के खिलाफ है। महंत आनंद गिरि ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पर सीधा निशाना साधा और कहा कि उनकी पैसे की भूख खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
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