Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़प्रयागराजRising Waters in Sangam Threaten Cremation Grounds and Roads in Prayagraj

सिकुड़ रहा श्मशान घाट, गंगा तट के मार्ग डूबने लगे

प्रयागराज में संगम का जलस्तर बढ़ने से दारागंज श्मशान घाट और क्षेत्र की सड़कों पर असर दिखने लगा है। श्मशान घाट का हिस्सा जलमग्न हो गया है, और अंतिम संस्कार के लिए रसूलाबाद घाट जाना पड़ रहा है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजMon, 19 Aug 2024 08:44 PM
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प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। संगम का जलस्तर तेजी से बढ़ने का असर अब दारागंज श्मशान घाट और क्षेत्र की सड़कों पर दिखाई पड़ने लगा है। श्मशान घाट का दायरा सिकुड़ रहा है। संगम की सड़कों पर नावें चलने लगी हैं। नागवासुकि मंदिर के सामने रिवर फ्रंट रोड फिर जलमग्न हो गई है।

संगम क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैलने के चलते श्मशान घाट का आधा हिस्सा जलमग्न हो गया। इसी तरह पानी फैलता रहा तो पास की सड़क पर अंतिम संस्कार करना पड़ेगा। सड़क भी डूबने पर दारागंज में अंतिम संस्कार बंद हो सकता है। यहां का विद्युत शवदाह गृह बंद है। ऐसे में लोगों को अंतिम संस्कार के लिए रसूलाबाद घाट जाना पड़ेगा।

नागवासुकि मंदिर के सामने मार्ग पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। बघाड़ा के कछारी इलाकों में रहने वाले सहमे हैं। गंगा में बढ़ा पानी सलोरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को घेरने के बाद अब आबादी के नजदीक जा रहा है। इस बार भी कछारवासियों को गंगा नहीं, यमुना डरा रही हैं। रफ्तार धीमी होने के बाद भी नैनी में सोमवार रात यमुना का जलस्तर दो सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा था। शाम चार बजे से रात आठ बजे के बीच गंगा का जलस्तर एक सेमी घटा।

चिल्ला में यमुना के जलस्तर में वृद्धि के कारण यहां कम से कम दो दिन बढ़ोतरी होगी। यमुना में वृद्धि का प्रभाव संगम पर फिर दिखाई पड़ेगा। इसी वजह से गंगा के दूसरी बार बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश करने की अटकलें लग रही हैं। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के इंजीनियरों का कहना है कि अभी तक किसी बैराज से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा गया, इसलिए गंगा-यमुना के खतरे का निशान छूने की संभावना नहीं है। फिर भी गंगा-यमुना का जलस्तर 82 मीटर के नजदीक पहुंच सकता है।

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