भाइयों की कलाई पर सजी स्नेह की राखी
कोरोना काल में सोमवार को भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पावन पर्व सादगी, परंपरा के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर दीर्घायु की कामना...
कोरोना काल में सोमवार को भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पावन पर्व सादगी, परंपरा के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर दीर्घायु की कामना की। राखी बांधने से पूर्व थाली में अक्षत, चन्दन, कलावा, राखी आदि सजाकर भाई की आरती उतारी और टीका लगाया और मिठाई खिलाई। भाइयों ने बहनों को रक्षा का वचन दिया और सामर्थ्य अनुसार उपहार भेंट किया।
कोरोना वायरस के कारण इस बार पहले जैसा माहौल नहीं रहा। संक्रमण को देखते हुए बहनें बच्चों को लेकर मायके के लिये ज्यादा नहीं निकली। बहनों ने भाइयों को राखी बांधने के लिये घर पर ही बुला लिया।
पर्व को लेकर सुबह से ही घरों में उल्लास रहा। सुबह 8:30 बजे भद्रा खत्म होने के बाद से ही राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया। घर में छोटी बहनों ने भाइयों को उत्साह से राखी बांधी और मिठाई खिलाई। मोहल्ले के आसपास की बहनों ने भाइयों के घर जाकर राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना की। इस अवसर पर घरों में तरह-तरह के पकवान बनाये गए। सुबह से शाम तक पर्व का उल्लास बना रहा। इस बार ज्यादातर देशी राखियां ही भाइयों की कलाई पर सजी। हर साल की तरह बहुत आकर्षक और चीनी राखियां नहीं दिखी।
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