Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़प्रयागराजProf Manju Sharma Former President of National Academy of Sciences Passes Away at AIIMS Delhi

नासी की पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर मंजू का निधन

प्रयागराज की पूर्व महिला अध्यक्ष प्रो. मंजू शर्मा का निधन गुरुवार को एम्स, दिल्ली में हुआ। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से जंतु विज्ञान में एमएससी और परड्यू विश्वविद्यालय, अमेरिका से बायोटेक्नोलॉजी में...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजThu, 31 Oct 2024 10:11 PM
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प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी), प्रयागराज की पूर्व महिला अध्यक्ष प्रो. मंजू शर्मा की गुरुवार भोर में साढ़े तीन बजे एम्स, दिल्ली में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहीं प्रो. मंजू पांच दिनों से एम्स में भर्ती थीं।

बीएचयू के संस्थापक रहे पंडित मदन मोहन मालवीय की नातिन प्रो. मंजू शर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय से वर्ष 1961 में जंतु विज्ञान में एमएससी करने के बाद परड्यू विश्वविद्यालय, अमेरिका से बायोटेक्नोलॉजी में पीएचडी की उपाधि हासिल की। 13 फरवरी 1940 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में जन्मीं प्रो. मंजू शर्मा विवाह के बाद प्रयागराज आ गईं थीं। उनके पति प्रो. विनोद प्रकाश शर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग में शिक्षक थेl

प्रो. मंजू शर्मा को ‘इंस्टीट्यूशन बिल्डर के रूप में भी जाना जाता था। राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (सीसीएमबी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई) समेत कई संस्थानों की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

प्रो. मंजू वर्ष 1995-96 में नासी की अध्यक्ष और वर्ष 2009 से 2013 तक नासी की महासचिव रहीं। उन्हें 2007 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। प्रो. मंजू शर्मा नासी से जुड़़ीं। उनकी देखरेख में नासी की बिल्डिंग का विस्तार हुआ। उन्होंने योजना आयोग में सलाहकार के तौर पर भी काम किया।

जैव विज्ञान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

प्रो. मंजू शर्मा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और विशेष रूप से जैव विज्ञान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विविध क्षेत्रों में कई सफल कार्यक्रमों की शुरुआत की और उन्हें बढ़ावा दिया, जिनमें बायोमास उत्पादन और रूपांतरण, जैव उर्वरक, प्रकाश संश्लेषण अनुसंधान पर स्थिति रिपोर्ट, विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए पादप ऊतक संवर्धन, बायोस्फीयर रिजर्व, केरल में साइलेंट वैली और इसके संरक्षण पर रिपोर्ट, फसलों में ट्रांसजेनिक अनुसंधान, जर्मप्लाज्म संरक्षण, औषधीय और सुगंधित पौधे, खाद्य जैव प्रौद्योगिकी, नए टीके, मानव आनुवंशिकी आदि शामिल हैं।

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