बीपी व डायबिटीज पर दें ध्यान वरना किडनी को नुकसान

भागदौड़ और तनाव के कारण ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की समस्या बढ़ रही है। ब्लड प्रेशर और डायबिटीज पर ध्यान नहीं देने से किडनी पर भी असर पड़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजThu, 11 March 2021 02:50 PM
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प्रयागराज। वरिष्ठ संवाददाता

भागदौड़ और तनाव के कारण ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की समस्या बढ़ रही है। ब्लड प्रेशर और डायबिटीज पर ध्यान नहीं देने से किडनी पर भी असर पड़ रहा है। इस वजह से किडनी संबंधी समस्याएं भी बढ़ी हैं। इससे बचने के लिए नियंत्रित जीवनशैली, बेहतर खानपान, व्यायाम व तनाव से दूरी बेहद जरूरी है। किडनी स्वस्थ रहेगी तो शरीर के अन्य अंग भी सेहतमंद रहेंगे। इसके प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है।

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रभात सिंह के अनुसार, किडनी संबंधी समस्याओं के मामले तेजी से बढ़े हैं। हर माह करीब 80 से 90 मरीज किडनी संबंधी दिक्कतों को लेकर आ रहे हैं। अधिकांश में पहले से ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की समस्या थी। बीपी और डायबिटीज अधिक होने से इसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है। बीपी और डायबिटीज को गंभीरता से लेने की सख्त जरूरत है। डॉ प्रभात के अनुसार, किडनियां हमारी पसलियों के नीचे होती हैं। समय पर सही इलाज होने से डायलिसिस से बचा जा सकता है। भ्रम है कि किडनी रोग का मतलब ही डायलिसिस होता है।

यह लक्षण दिखें तो हो जाएं अलर्ट :

डॉक्टरों के अनुसार, किडनी खराब होने पर कई अहम लक्षण सामने आते हैं। पैरों और आंखों के नीचे सूजन, जल्द थकान और सांस फूलना, बार-बार पेशाब आना, भूख न लगना और हाजमा ठीक न रहना के अलावा खून की कमी से शरीर पीला पड़ने लगता है।

इन बातों का रखें ध्यान :

किडनी रोग से बचने के लिए खाने में नमक, सोडियम और प्रोटीन की मात्रा घटा देनी चाहिए। रोज 8 से 10 गिलास पानी पीएं। फल और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं। अंगूर का सेवन करना चाहिए। यह किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकाल देता है। साल में कम-से-कम एक बार ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच जरूर कराएं। ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के लक्षण मिलने पर हर छह महीने में पेशाब और खून की जांच कराएं।

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