Hindi NewsUttar-pradesh NewsPrayagraj NewsParenting Workshop at Allahabad University Highlights Importance of Nurturing and Social Change

पैरेंटिंग केवल जैविक संतान तक सीमित नहीं : डॉ. संदीप

Prayagraj News - इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने रविवार को पैरेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से अभिभावक, शिक्षक, और शोधकर्ता शामिल हुए। मुख्य वक्ता डॉ. संदीप आनंद ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 19 Jan 2025 09:36 PM
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प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की ओर से रविवार को पैरेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। हाइब्रिड मोड में आयोजित कार्यशाला में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से अभिभावकों, शिक्षकों, काउंसलरों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। मुख्य वक्ता डॉ. संदीप आनंद ने पैरेंटिंग को व्यक्तित्व निर्माण और राष्ट्र निर्माण से जोड़ते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पैरेंटिंग केवल जैविक संतान तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम और अमरत्व प्राप्त करने का अवसर भी है। उन्होंने पैरेंटिंग को एक ‘दोतरफा दर्पण बताया, जिसमें माता-पिता और बच्चे एक-दूसरे के संस्कार और अंतःकरण का प्रतिबिंब देख सकते हैं।

मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. चंद्रांशु सिन्हा ने कहा कि पैरेंटिंग का तात्पर्य बच्चे के पालन-पोषण की जटिलताओं से है। आधुनिक दौर में पैरेंटिंग कार्यशालाओं के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि ऐसी पहल अभिभावकों को जागरूक बनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होती हैं। प्रो. रुचिका वर्मा ने वैदिक दृष्टिकोण से पैरेंटिंग पर अपने विचार साझा किए। प्रो. वर्मा ने वैदिक पद्धति के पांच प्रमुख सिद्धांतों पर जोर दिया, जो आधुनिक अभिभावकों को संतुलित और सकारात्मक पेरेंटिंग के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं। इस अवसर पर प्रो. नरसिंह कुमार और रितु सुरेका आदि मौजूद रहे।

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