देश-विदेश के दो हजार से अधिक संत-महात्मा करेंगे कल्पवास
Prayagraj News - संगम की रेती पर महाकुम्भ नगरी में दो हजार से अधिक संत-महात्मा कल्पवास करेंगे। ये संत-महात्मा सामान्य लोगों के साथ शिविरों में रहेंगे। महाकुम्भ मेला 25 सेक्टरों में आयोजित किया जाएगा, जहां विभिन्न...
संगम की रेती पर बसाई जा रही महाकुम्भ नगरी में दो हजार से अधिक संत-महात्मा कल्पवास करेंगे। सामान्य लोगों के साथ संत-महात्मा भी शिविरों में प्रवास करेंगे। महाकुम्भ मेला 25 सेक्टरों में बसाया जा रहा है। कल्पवास करने वाले संत-महात्माओं के शिविर लगभग हर सेक्टर में होंगे। मेला क्षेत्र में संत-महात्माओं के शिविरों का निर्माण होने लगा है। इनमें अखाड़ों के अलावा शंकराचार्य, आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वरों के शिविर लगेंगे। कथावाचक भी मेले में कथा सुनाएंगे। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज का कहना है कि संगम की रेती पर आध्यात्मिक नगरी बस रही है। यहां पर लोग भगवद् भजन, हवन और अन्न क्षेत्र में लगे रहते हैं। स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य शृंग्वेरपुर धाम ने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज भगवान ब्रह्मा की तपोभूमि रही है। माघ मास, अर्द्ध कुम्भ और महाकुम्भ में सभी तैंतीस कोटि देवी, देवता तीर्थराज प्रयागराज में वास करते हैं। स्वामी अमृता ने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज के महाकुम्भ में शामिल होने भर से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं।
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