मिथिला के संस्कार-संस्कृति को संरक्षित करें युवा : डॉ. अवधेश
Prayagraj News - प्रयागराज में मिथिला सांस्कृतिक संगम ने रविवार को विद्यापति स्मृति पर्व समारोह मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत कवि विद्यापति के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। मुख्य अतिथि डॉ. एके वर्मा ने मैथिल समाज की...
प्रयागराज, संवाददाता। मिथिला सांस्कृतिक संगम की ओर से रविवार को हिंदी साहित्य सम्मेलन के राजर्षि टंडन सभागार में विद्यापति स्मृति पर्व समारोह हर्षोल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने कवि कोकिल विद्यापति के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। इस मौके पर संस्था की पत्रिका प्रवासी स्मारिका और संस्था की वेबसाइट का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ. एके वर्मा ने कहा कि मैथिल समाज के लोग अपनी लोक संस्कृति और सामाजिक सरोकार को निरंतर समृद्ध कर रहे हैं। समाज के लोगों को सशक्त बनाने के लिए प्रयास किए जाते हैं। संस्था के अध्यक्ष व समाजशास्त्री डॉ. अवधेश कुमार झा ने कहा कि युवाओं को मिथिला के संस्कार और संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए आगे आना चाहिए।
डॉ. जयशंकर मिश्र ने कहा कि मिथिला की प्राचीन संस्कृति मां जानकी से जुड़ी हुई है।इस मौके पर भजन गायक अरविंद सिंह ने भजन श्यामा गजब शहर दरभंगा..की प्रस्तुति की। साथ ही जूली झा, वर्षा झा और विकास झा ने पारंपरिक गीत प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं।आभार ज्ञापन डॉ. ब्रजेश मिश्र, संयोजन सुनील झा और संचालन सुधीर चंद्र मिश्र ने किया। संजीव मिश्र, सुधीर चंद्र मिश्र, डॉ. सुधांशु कुमार झा, सचिव डॉ. धर्म नाथ झा, भागीरथ मिश्र, गंगा प्रसाद ठाकुर, मोहन झा, सरोज कुमार झा, मनोज, आनंद मिश्र, ओम प्रकाश झा, विजय चौधरी, एसके झा, गंगेश्वर ठाकुर,विश्व नाथ मिश्र मौजूद रहे।
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