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स्नान पर्व ने भीड़ मैनेजमेंट की खोल दी पोल

Prayagraj News - मकर संक्रांति स्नान पर्व पर प्रयागराज जंक्शन पर भारी भीड़ के कारण पुलिस और रेलवे प्रबंधन की व्यवस्था विफल हो गई। यात्रियों को रोकने के लिए स्टेशन में प्रवेश बंद कर दिया गया, जिससे नोकझोंक की स्थिति...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजWed, 15 Jan 2025 07:51 PM
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मकर संक्रांति स्नान पर्व के दौरान अनुमान से अधिक भीड़ के कारण पुलिस, जिला प्रशासन और रेलवे के भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था चरमरा गई। संगम स्नान से लौटने वाली भीड़ मंगलवार शाम को प्रयागराज जंक्शन पहुंची तो स्टेशन परिसर में यात्रियों का प्रवेश रोकना पड़ा। इसके चलते जानसेनगंज, चौक, लीडर रोड और खुसरोबाग में यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। बैरियर पर पुलिस और यात्रियों के बीच नोकझोंक की स्थिति बन गई। देर रात दो बजे के बाद स्थिति सामान्य होने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। विशेषज्ञों की राय में चार प्रमुख चूक से ये नौबत आई। 1. भीड़ डायवर्जन की योजना फेल

योजना के तहत संगम से लौटने वाले यात्रियों को डायवर्ट कर अलग-अलग स्टेशनों पर भेजा जाना था। लखनऊ और अयोध्या के यात्रियों को प्रयाग व फाफामऊ, पूर्वांचल के यात्रियों को रामबाग, मिर्जापुर और सतना के यात्रियों को छिवकी भेजा जाना था। लेकिन भीड़ सीधे प्रयागराज जंक्शन पहुंच गई। सुबह 10 बजे से ही स्टेशन पर भीड़ बढ़ने लगी और शाम तक स्थिति भयावह हो गई। भगदड़ से बचने के लिए रेलवे ने शाम को स्टेशन में प्रवेश बंद कर दिया।

2. आश्रय स्थल का सही इस्तेमाल नहीं

यात्रियों को स्टेशन पहुंचने से पहले सिविल लाइंस और अन्य क्षेत्रों में बने आश्रय स्थल में रोकने की योजना थी। लेकिन यह योजना लागू नहीं हो सकी। जब लीडर रोड पर भीड़ बढ़ी तो खुसरोबाग में करीब 8,000 यात्रियों को रोका गया। हालांकि, सिविल लाइंस और अन्य इलाकों से आए यात्री हाईकोर्ट पानी टंकी के रास्ते स्टेशन पहुंचने लगे। पुलिस इन्हें पहले नहीं रोक सकी, जिससे बैरियर पर झड़पें हुईं।

3. प्रयाग और रामबाग से कम ट्रेनों का संचालन

भीड़ प्रबंधन के लिए प्रयाग और रामबाग स्टेशनों से अधिक ट्रेनें चलाने की योजना थी। लेकिन इन स्टेशनों से पर्याप्त ट्रेनों का संचालन नहीं हो सका। नतीजतन, अयोध्या और लखनऊ जाने वाले अधिकांश यात्री जंक्शन पर पहुंच गए।

4. उद्घोषणा की कमी

पुलिस और प्रशासन ने उद्घोषणा के जरिए जागरूकता फैलाने की कोशिश की। हालांकि, दिन के समय सिविल लाइंस और अन्य इलाकों में उद्घोषणा नहीं की गई। रात में जब भीड़ अनियंत्रित हो गई तब जानसेनगंज और खुसरोबाग में घोषणा की गई कि यात्री जंक्शन न जाएं।

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