सिमटते सामानों ने बताया, अब खत्म हो गया महाकुम्भ
Prayagraj News - प्रयागराज में महाकुम्भ के दौरान 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच संगम की रेती पर बिखरी चमक-दमक अब सिमटने लगी है। अस्थायी नगरी में सामान समेटने वालों की हलचल बढ़ गई है। श्रद्धालुओं की संख्या कम हो गई है और...

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। संगम की रेती पर बीते 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच बिखरी चमक-दमक और शिविरों की आभा अब सिमटने लगी है। चार हजार हेक्टेयर में फैली अस्थायी नगरी में शुक्रवार को सामान समेटने वालों की हलचल कुछ अधिक ही दिख रही थी।
महाकुम्भ को पहली बार चार हजार हेक्टेयर में बसाया गया था। 45 दिनों के आयोजन में सबसे अधिक भीड़ कहीं थी तो संगम पर और सेक्टर 20 अखाड़ा मार्ग पर। शुक्रवार को संगम तट पर श्रद्धालु जुटे थे, लेकिन महाकुम्भ के सामान्य दिनों का 10वां हिस्सा भी नहीं थे। यहां पर दोपहर 12 बजे के करीब सफाई अभियान चल रहा था। लोग स्नान करते और आराम से बाहर निकल जाते। किसी को अधिक परेशानी नहीं हो रही थी। अभी सारे के सारे पांटून पुल बने हुए थे लेकिन इन पांटून पुलों पर अब किसी को रोकने की जरूरत नहीं थी। लोग सामान्य तरीके से आरपार जा रहे थे। पांटून पुल पार करते ही अखाड़े के शिविरों की रौनक अब नहीं दिख रही थी। शिविर और धर्म ध्वजा पूरी तरह से उखड़ गए थे और खाली जमीन दिख रही थी। संगम लोवर मार्ग से दक्षिण की ओर जाते वक्त ऐरावत घाट जो कभी श्रद्धालुओं से भरा रहता था, वहां पर बहुत कम लोग जाते दिखे। वहीं उत्तर की ओर बड़े-बड़े शिविर खाली थे। पड़ा सामान समेटा जा रहा था।
परेड में भीड़ और दुकानें अभी बाकी
परेड की बात करें तो यहां पर भीड़ दिखी। यह भीड़ कहीं रुकने के लिए बल्कि संगम की ओर जाने वाली थी। वहीं सरकारी प्रदर्शनियां भी अब हटाई जा रही थीं। ओडीओपी, खादी प्रदशनी के टेंट के बार टिन को हटाया जा रहा था। अफसरों कहा कहना है कि अब सभी सामान समेटने की तैयारी चल रही है। अगले 15 दिन में सभी सामान हटा लिया जाएगा।
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