क्रिप्टो करेंसी अपनाने के महत्वपूर्ण कारकों का शोध में खुलासा
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने क्रिप्टो करेंसी अपनाने के लिए 25 महत्वपूर्ण कारकों की पहचान की है। ये कारक अत्यधिक, मध्यम और न्यूनतम प्रभावशाली श्रेणियों में बांटे गए हैं। असुविधा...
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) के शोधकर्ताओं ने एक व्यापक अध्ययन में क्रिप्टो करेंसी अपनाने में महत्वपूर्ण कारकों की पहचान की है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 25 कारकों का विश्लेषण किया और उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा: अत्यधिक प्रभावशाली, मध्यम प्रभावशाली, और न्यूनतम प्रभावशाली। अध्ययन के अनुसार, 'असुविधा' और 'आशावाद' क्रिप्टोकरेंसी अपनाने पर सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं। वहीं, मध्यम श्रेणी में विश्वास, जोखिम, सापेक्ष लाभ, सामाजिक प्रभाव, और कथित व्यवहारिक नियंत्रण जैसे कारक आते हैं। न्यूनतम प्रभावशाली कारकों में कीमत, सुविधा, अनुकूलता, और उपयोगिता शामिल हैं। यह शोध प्रतिष्ठित जर्नल 'फाइनेंशियल इनोवेशन' में प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया है। यह अध्ययन नीति-निर्माताओं के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है। खासकर भारत जैसे देशों में जहां क्रिप्टो करेंसी के प्रति नीतियों में अनिश्चितता है। संस्थान के प्रो. रणजीत सिंह, डॉ. काजोल, विज्ञान ज्योति संस्थान हैदराबाद की डॉ. श्रीजानी और अमेरिकी विश्वविद्यालय वाशिंगटन डीसी के प्रो. एच. केंट बेकर ने एक व्यापक अध्ययन में क्रिप्टो करेंसी अपनाने में महत्वपूर्ण कारकों की पहचान की है। प्रो. रणजीत सिंह के मुताबिक, यदि इन कारकों को ध्यान में रखकर क्रिप्टो करेंसी को उपयोग में आसान और सुरक्षित बनाया जाए, तो यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली का एक अभिन्न अंग बन सकती है।
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