मुकदमे की बहस को ध्यानपूर्वक सुनें: न्यायमूर्ति शमशेरी
Prayagraj News - प्रयागराज में न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अधिवक्ताओं को अपने वादकारियों और उनके मामलों पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुकदमे का अध्ययन करने...

प्रयागराज, विधि संवाददाता। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि अधिवक्ता को अपने वादकारी एवं उसके वाद के विषय में अधिक ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि वह आपसे यही अपेक्षा करता है कि आप उसकी बातों को न्यायालय के समक्ष अच्छी प्रकार से रखें। न्यायमूर्ति शमशेरी मंगलवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के नो योर जज कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
न्यायमूर्ति शमशेरी ने कहा कि वादकारी के मुकदमे का अध्ययन करें तो सम्पूर्ण प्रकरण मस्तिष्क में आ जाएगा और न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखने में सुगमता होगी। उन्होंने आगे कहा कि यदि आप किसी न्यायमूर्ति के विचारों को जानना चाहते हैं तो आप उनके न्याय कक्ष में अवश्य बैठें और मुकदमे में हो रही बहस को ध्यानपूर्वक अवश्य सुनें।
उन्होनें कनिष्ठ अधिवक्ताओं से कहा कि अपने सीनियर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए क्योंकि इससे जो अनुभव मिलता है, वह जीवनपर्यन्त काम आता है। कुछ मिले या न मिले, चैम्बर अवश्य जाना चाहिए। उन्होंने होली के अवसर पर स्वरचित कविता शरद बीता, बसन्त आयो, माघ बीता, फागुन आयो सुनाई। कार्यक्रम हाईकोर्ट के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न कार्यक्रम का संचालन महासचिव विक्रांत पांडेय एवं उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव ने संयुक्त रूप से किया।
अंत में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अखिलेश कुमार मिश्र, नीरज त्रिपाठी व नीलम शुक्ला, संयुक्त सचिव सुमित श्रीवास्तव (प्रशासन), अभिजीत पांडेय, पुनीत शुक्ल व आंचल ओझा, कोषाध्यक्ष रणविजय सिंह, कार्यकारिणी सदस्य किरन सिंह, अभिषेक मिश्र, अवधेश मिश्र, अभिषेक तिवारी, सच्चिदानंद यादव व दिनेश यादव, राम श्याम शंकर पांडेय, आशुतोष शुक्ल, नीतेश पांडेय आदि उपस्थित रहे।
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