साढ़े तीन बीघा के बंगले में खूब घूमे, फिर भर्ती हुए तो नहीं लौटे
प्रयागराज में, न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने 16 नवंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अपने बंगले का दौरा किया। उन्होंने पेड़-पौधे और गंदगी को साफ रखने की सलाह दी। एक घंटे तक परिसर का निरीक्षण करने...
प्रयागराज। जीवन के 88वें पड़ाव पर जब 16 नवंबर को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय अपने बंगले पर पहुंचे तो उन्होंने ड्राइवर अभय कुमार तिवारी से कहा कि ‘अंदर मत ले चलो, पहले मुझे अपने बंगले में घूमना है। हर एक चीज देखनी है। तब ड्राइवर ने कार से ही उन्हें बंगले में घुमाया। वे बंगले में पेड़ पौधे, गमलों में लगी सब्जियां और क्यारियों में लगे फूलों को एक-एक करके देखते रहे। परिसर में गंदगी दिखने पर उन्होंने माली को आत्मीयता के साथ समझाते हुए कहा था कि ‘इसे साफ सुथरा रखा करो, परिसर को गंदा रखना अच्छी बात नहीं है। यह वाकया बताते हुए ड्राइवर की आंखों में आंसू आ गए। कहा कि, हमें एहसास ही नहीं था कि इसके बाद साहब फिर कभी घूमाने के लिए नहीं कहेंगे। अभय उनके साथ वर्ष 2014 से बतौर ड्राइवर काम कर रहे हैं और उनको न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने बंगले में ही आवासीय सुविधा भी दी है।
अभय ने बताया कि करीब एक घंटे तक साहब ने साढ़े तीन बीघा के परिसर को इत्मीनान से देखा। उसके बाद जब मैंने गाड़ी पोर्टिको में खड़ी की तब बहू जया मालवीय व्हीलचेयर लेकर आईं और उन्हें अंदर ले गईं। रात में साहब की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फिर से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सोमवार को जब अभय बंगले से चाय लेकर अस्पताल में उन्हें देने गए तब तक उनका निधन हो चुका था। उन्होंने फौरन बंगले पर इसकी सूचना दी।
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