आस्था और तपस्या का अनूठा संगम है महाकुम्भ
Prayagraj News - एमएनएनआईटी में 'भारतीय संस्कृति में कुम्भ पर्व की परम्परा और प्रयाग कुम्भ' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ। डॉ. स्वाति चन्द्रा ने इसे विश्व का अद्वितीय मेला बताया। कुम्भ पर्व...
एमएनएनआईटी में ‘भारतीय संस्कृति में कुम्भ पर्व की परम्परा और प्रयाग कुम्भ विषय पर आयोजित दो दिनी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन रविवार को हुआ। डॉ. स्वाति चन्द्रा ने कहा कि यह विश्व का अद्वितीय मेला है। आस्था और तपस्या का अनूठा संगम है। यह पर्व भारत वर्ष की सांस्कृतिक-धार्मिक महत्ता का जीता-जागता प्रमाण है। डॉ. वन्दना केसरवानी ने कहा कि कुम्भ पर्व सदैव से देश की आस्था का केन्द्र रहा है जो भारतीय संस्कृति को एक कड़ी में जोड़ने का एक नया आयाम प्रस्तुत करता है। डॉ. रंजना शर्मा, प्रो. प्रदीप कुमार केसरवानी, डॉ. रंजना त्रिपाठी आदि ने अनुभव साझा किए। संगोष्ठी में 60 से अधिक शोध पत्र पढ़े गए। इस अवसर पर अनिल कुमार गुप्ता ‘अन्नू, रौनक गुप्ता, डॉ. विजय कुमार जायसवाल, प्रो. सीताराम दुबे, डॉ. दीपशिखा पांडेय, डॉ. पंकज गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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