आज का योगदान बेहतर कल की रखेगा नींव: न्यायमूर्ति
Prayagraj News - प्रयागराज में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में 'कानून, प्रौद्योगिकी और सतत विकास' पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने कहा कि तकनीक से...

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में ‘कानून, प्रौद्योगिकी और सतत विकास विषय पर आयोजित तीन दिनी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने कहा कि महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए बेहतर पहुंच को न्यायपालिका में प्रौद्योगिकी का परिणाम बताया।
आगे कहा कि लॉ स्कूल कानूनी विचारों का उद्गम स्थल हैं, इसलिए वकीलों के लिए यह सीखना आवश्यक है कि आने वाली नीतियों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को कैसे शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि नवाचार के साथ समान अवसर पैदा करना सतत विकास की कुंजी है। कानूनी पेशा पर्यावरण के अनुकूल समाज बनाने में स्तंभ के रूप में खड़ा है। हमारा आज का योगदान बेहतर कल की नींव रखेगा। सूंगसिल विश्वविद्यालय कोरिया के प्रो. मून-ह्यून कोह, एमएनएनआईटी के निदेशक प्रो. रमा शंकर वर्मा, कुलपति एनएलआईयू भोपाल प्रो. एस सूर्य प्रकाश शामिल हुए। न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अध्यक्षता में पांचवें तकनीकी सत्र में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण और खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की गई। दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के प्रो. जोनाथन ओ. चिमाकोनम, न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ, नाइजीरिया के नेशनल ला यूनिवर्सिटी की प्रो. एरिम्मा जी. ओरी, इंग्लैंड के लंदन विश्वविद्यालय के एसओएएस के प्रो. फिलिप कुलेट ने भी विचार व्यक्त किए।
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