Hindi NewsUttar-pradesh NewsPrayagraj NewsInnovative Biopolymer Coating Developed to Prevent Infection and Bone Dislocation in Medical Implants

प्रत्यारोपित घुटने और कूल्हे जीवनभर निभाएंगे साथ

Prayagraj News - प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. संगीता नेगी ने एक बायोपॉलिमर कोटिंग विकसित की है, जो हड्डी के टूटने पर रॉड और स्क्रू को शरीर से अलग होने से रोकता है। यह...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 4 May 2025 10:28 AM
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प्रत्यारोपित घुटने और कूल्हे जीवनभर निभाएंगे साथ

प्रयागराज, अनिकेत यादव। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के बायो टेक्नोलॉजी विभाग की वैज्ञानिक डॉ. संगीता नेगी ने एक ऐसा कोटिंग पदार्थ (मैटेरियल) विकसित किया है, जो दुर्घटना में घुटना, कूल्हा या शरीर के किसी अन्य अंग की हड्डी टूटने के बाद डाले जाने वाले रॉड, स्क्रू को शरीर से अलग होने से बचाएगा। बायोपॉलिमर (जैविक स्रोत) से तैयार इस पदार्थ से संक्रमण का भी खतरा नहीं होगा। इसकी खूबियों को देखते हुए भारत सरकार ने इस खोज को 20 साल के लिए पेटेंट किया है। शरीर के किसी अंग की हड्डी टूटने पर ऑपरेशन कर उसमें आवश्यकतानुसार रॉड या स्क्रू डाला जाता है, जो सामान्यतया कोबाल्ट क्रोम मिश्र, स्टेनलेस स्टील या टाइटेनियम मिश्र धातु का बना होता है।

एक समय के बाद यह शरीर को छोड़ने लगता है या फिर संक्रमण की स्थिति पैदा करता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में जैव संगतता कहते हैं। इससे शरीर में कई तरह के विकार भी उत्पन्न होते हैं, कई बार ऑपरेशन कर इसे बाहर निकलवाना पड़ता है। बायोटेक्नोलॉजी विभाग की डॉ. नेगी ने इस समस्या को देखते हुए बायोपॉलिमर से एक ऐसा कोडिंग पदार्थ (मैटेरियल) तैयार किया है, जिसकी शरीर में डाले जाने वाले रॉड या स्क्रू में कोडिंग किए जाने से यह शरीर को नहीं छोड़ेगा। इस कोटिंग मैटेरियल की एक और खासियत यह भी है कि यह बोन सेल्स को रिजनरेट कर हड्डी को विकसित करने में भी मदद करेगा। जैविक स्रोत से तैयार होने के कारण यह पदार्थ किसी तरह का संक्रमण भी पैदा नहीं करेगा। डॉ. नेगी ने बताया कि वर्तमान में जिस विधि का उपयोग किया जा रहा है, उससे शरीर में संक्रमण की संभावना अधिक रहती है, जिसकी वजह से प्रत्यारोपण असफल हो जाता है या भी इसकी समयावधि कम होती है। यह मैटेरियल पौधे से तैयार किया है, जिसे भारत सरकार ने 20 साल के लिए पेटेंट किया है।

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