धर्म, सत्य और अहिंसा ही मानवता का मार्ग प्रशस्त किया: स्वामी कैशालानंद
Prayagraj News - मानवता का मार्ग भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों धर्म, सत्य और अहिंसा के जरिए प्रशस्त होगा। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन के शिविर में भारत की महान परंपराओं पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं...
मानवता का मार्ग भारतीय संस्कृति के मौलिक तत्वों जैसे धर्म, सत्य और अहिंसा के जरिए ही प्रशस्त होगा। आज पूरे विश्व को भारत राह दिखा रहा है। इसी मार्ग पर सबको चलना होगा। ये बातें मुख्य अतिथि निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने शुक्रवार को दिव्य प्रेम सेवा मिशन के शिविर में भारत की गौरव गाथा बनाम आत्महीनता की भावना विषय पर आयोजित व्याख्यान के दौरान कहीं। उन्होंने समाज से सनातन धर्म के आलोक में जीवन को श्रेष्ठ बनाने का आह्वान किया। गीता और धर्म विषय पर विस्तार से विचार रखे। उन्होंने बताया कि भारत की प्राचीन परंपराएं, जैसे: ध्यान, तप और यज्ञ, आज भी विश्व को सही दिशा प्रदान करने में सक्षम हैं। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने भारत की महान सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला।
अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने की। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु के स्थान पर पहुंचाने के लिए युवाओं को आत्मविश्वास और भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ना होगा। उन्होंने आयुर्वेद, योग और भारतीय चिंतन के महत्व पर जोर देते हुए इसे जीवन में अपनाने की आवश्यकता बताई। मंच पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम, संयोजक संजय चतुर्वेदी, अपर महाधिवक्ता महेश चतुर्वेदी, सह संयोजक राघवेंद्र सिंह सहित मिशन के कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन अपर महाधिवक्ता महेश चतुर्वेदी किया।
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