IERT: कोरोना संक्रमण से गिरा कैम्पस प्लेसमेंट का ग्राफ
कोरोना वायरस का चौतरफा असर दिखने लगा है। यह वायरस जहां लोगों की जिंदगियां ले रहा है वहीं रोजगार पर भी इसकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मार पड़ रही...
प्रयागराज। अनिकेत यादव
कोरोना वायरस का चौतरफा असर दिखने लगा है। यह वायरस जहां लोगों की जिंदगियां ले रहा है वहीं रोजगार पर भी इसकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मार पड़ रही है। डिप्लोमा इंजीनियरिंग कर रहे युवाओं पर भी इसका असर पड़ रहा है। देश के नामीगिरामी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी (आईईआरटी) के डिप्लोमा इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्रों के कैम्पस सेलेक्शन की रफ्तार बेहद कम है।
पहले जहां कैम्पस छोड़ने से पहले यहां के छात्रों के हाथों में एक नहीं दो-दो और कुछ के पास तीन-तीन नौकरियां होती थीं। वहीं अब 67 फीसदी छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। आईईआरटी के शैक्षिक सत्र 2020-21 में डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्रों के प्लेसमेंट की रफ्तार कम है। संस्थान में अब तक देश-विदेश की नामी गिरामी दर्जनों से अधिक कंपनियां प्लेसमेंट के लिए आ चुकी हैं। इनमें अब तक सिर्फ 33 फीसदी छात्रों को ही नौकरी मिली है। जबकि कोरोना से पहले तकरीबन 80 फीसदी छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट होता था।
20 छात्रों को मिला सर्वाधिक 4.25 लाख रुपये पैकेज
आईईआरटी के प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि कैम्पस चयन में भाग लेने के लिए डिप्लोमा इंजीनियरिंग के अलग-अलग ब्रांचों के तकरीबन 600 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनमें से करीब 150 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है। जबकि पचास छात्रों का इंटरव्यू पूरा हो गया है। उनका रिजल्ट आना है। उन्होंने बताया कि 20 छात्रों को सर्वाधिक 4.25 लाख रुपये वार्षिक पैकेज पर एलएनटी में नौकरी मिली है।
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