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सोने के आभूषण बने बाबाओं की पहचान

Prayagraj News - प्रयागराज में महाकुम्भ के दौरान साधु-संतों के विभिन्न रूप देखने को मिल रहे हैं। एसके नारायण गिरि चार किलो सोने के गहनों के साथ गोल्डेन बाबा कहलाते हैं। स्वामी अरुण गिरि, जो पर्यावरण बाबा के नाम से...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 19 Jan 2025 10:14 AM
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प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। महाकुम्भ में साधु-संतों के अलग-अलग रूप-रंग देखने को मिल रहे हैं। कोई भक्ति में इतना लीन हुआ कि सुनहरा कॅरियर छोड़ दिया तो कोई नागा संन्यासी बन गया। वहीं कुछ साधु-संतों की वेशभूषा और आभूषण उनकी पहचान बन गए हैं। ये गहने बाबाओं के आध्यात्मिक जीवन से जुड़ गए हैं। महाकुम्भ और अन्य धार्मिक आयोजनों में ये बाबा अब गोल्डेन बाबा नाम से मशहूर हो रहे हैं।

चार किलो सोने के गहने पहनते हैं एसके नारायण गिरि

मूल रूप से केरल के रहने वाले निवासी और निरंजनी अखाड़े से जुड़े एसके नारायण गिरि को गोल्डेन बाबा के नाम से जाना जाता है। 67 वर्षीय बाबा करीब चार किलो सोने के आभूषण पहनते हैं, जिनकी अनुमानित कीमत छह करोड़ रुपये है। उनके गहनों में सोने की अंगूठियां, कड़े, बाजूबंद और देवी-देवताओं से सजी छड़ी शामिल है। बाबा का मानना है कि उनके आभूषण उनकी साधना और गुरु के प्रति श्रद्धा का प्रतीक हैं। साथ ही, वह धर्म और शिक्षा को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं।

पर्यावरण बाबा से गोल्डेन बाबा बने स्वामी अरुण गिरि

श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर अरुण गिरि पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित हैं। पर्यावरण बाबा के नाम से प्रसिद्ध अरुण गिरि अब तक एक करोड़ से अधिक पौधे लगा चुके हैं और महाकुम्भ में 51 हजार फलदार पौधे बांटने का संकल्प लिया है। वह रत्नजड़ित अंगूठियां, सोने के कड़े और हीरे की घड़ी पहनते हैं। उनका मानना है कि उनके आभूषणों में ऊर्जा का संचार होता है, जो उन्हें साधना में मदद करती है। आभूषणों के साथ ही वह महाकुम्भ में गोल्डेन बाबा के नाम से चर्चित हुए। पिछले महीने एक सड़क हादसे में वह चोटिल हो गए थे।

सबसे पहले सुधीर कुमार बने थे गोल्डेन बाबा

गोल्डेन बाबा के नाम से चर्चित सुधीर कुमार अब इस दुनिया में नहीं हैं। वह कई किलो सोने के आभूषण पहनते थे। सबसे पहले उन्हें ही गोल्डेन बाबा का नाम दिया गया था। उन्होंने जुर्म की दुनिया से संन्यासी बनने का सफर तय किया था। वह 30 निजी गार्डों की सुरक्षा में रहते थे।

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