राम नाम सुमिरन मात्र से ही मिल जाते हैं श्रीराम
Prayagraj News - मेला क्षेत्र के सेक्टर 18 में 'प्रभु प्रेमी संघ शिविर' में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने रामायण की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि राम नाम की महिमा अनंत है और यह...
मेला क्षेत्र के सेक्टर 18 स्थित 'प्रभु प्रेमी संघ शिविर' में विश्व के कल्याण के लिए आद्यकवि वाल्मीकि रचित रामायण पर आधारित श्रीराम कथा के दूसरे दिन जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने रामायण में लिखित प्रत्येक शब्द और घटनाएं सत्य हैं। राम नाम की महिमा अनंत है। महर्षि वाल्मीकि ने इसका बहुत ही अद्भुत वर्णन किया है। राम नाम से बड़ा कुछ भी नहीं। यह समस्त जप तप से ऊपर है। कोई साधन न भी हो पाए तो भक्त की राम नाम की पुकार से ही भगवान उन्हें सहजता से प्राप्त हो जाते हैं। यहां तक कि भगवान शिव भी भगवान राम का स्मरण करते हैं। राम भगवान भक्तों के बीच बैठ कर स्वयं रामकथा का रसपान करते हैं। शृद्धा के बिना आप सत्संग नहीं कर पाएंगे और गुरु के वाक्यों में पूर्णतः विश्वास ही शृद्धा है इसलिए गुरु में श्रद्धा ही भवतारक है। अपने संन्यास के निजी अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने ने कहा कि संत या गुरु जब आप से प्रसन्न होते हैं तो वे आपको अज्ञात या परोक्ष रूप में न जाने क्या-क्या दे जाते हैं। इस अवसर पर संघ की अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी नैसर्गिका गिरि, मुख्य यजमान पुरुषोत्तम अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल, न्यासीगण विवेक ठाकुर, स्वामी कैलाशानन्द, महेंद्र लाहौरिया, किशोर काया, प्रवीण चौधरी, रोहित माथुर, सुरेंद्र सर्राफ, मालिनी दोषी, सांवरमल तुलस्यान आदि उपस्थित रहे।
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