'अपने गुरु से कुछ नहीं छिपाना चाहिए'
Prayagraj News - संगम लोअर मार्ग पर शांति सेवा शिविर में श्रीराम कथा के पहले दिन कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने सेवा और भूखों को अन्न देने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने माता-पिता के सम्मान और गुरु-शिष्य के रिश्ते की...
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संगम लोअर मार्ग, नागवासुकि चौराहा (पश्चिमी पटरी) सेक्टर 17 स्थित शांति सेवा शिविर में श्रीराम कथा के पहले दिन कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि दूसरों की सेवा और भूखों को अन्न देना हमारे जीवन को सार्थक बनाता है। तीर्थ यात्रा से सभी पापों का नाश होता है। प्रयागराज में एक बार स्नान करने और भगवान का स्मरण करने से समस्त पाप धुल जाते हैं। माता-पिता का अनादर करने वाले को भगवान कभी क्षमा नहीं करते। माता-पिता के आशीर्वाद और सेवा से ही मानव जीवन सफल होता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने माता-पिता का सम्मान और उनकी सेवा करनी चाहिए। सच्चा गुरु वही होता है जो अपने शिष्य की भलाई के लिए कठिनाइयों का सामना करने में भी पीछे न हटे। ऐसे में, शिष्य का कर्तव्य है कि वह गुरु के प्रति पूर्ण विश्वास और ईमानदारी रखे। गुरु से कुछ भी छिपाना, स्वयं को उस दिव्य कृपा से वंचित करना है, जो गुरु के सानिध्य से मिलती है।
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