Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़प्रयागराजControversy Over Manu Smriti Swami Avadheshanand Giri Defends RSS and Supports Yogi Adityanath

स्मृतियों और धर्मग्रंथों का विधिवत अध्ययन करें फिर बोलें: अवधेशानंद

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे के मनु स्मृति पर विवादित बयान पर जूखा अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि स्मृतियों में बंटवारे की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय धर्म ग्रंथ एकता की बात...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजTue, 12 Nov 2024 06:18 PM
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प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे के मनु स्मृति पर दिए गए विवादित बयान पर जूखा अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि स्मृतियों को उन्होंने पढ़ा नहीं है। स्मृतियों में कहीं भी बांटने की बात नहीं हुई है। हमारी स्मृतियां एकता की बात करती हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में धरती, अंबर, निहारिका, जलवायु सबको एक समान करने की बात है। ऐसी स्मृतियां किसी को बांटने की बात नहीं कर सकतीं। मुझे लगता है कि उन्हें धर्म ग्र्रंथों को समझना होगा या फिर किसी कुशल विचारक के साथ रहना होगा।

जूना पीठाधीश्वर मंगलवार को महाकुम्भ के कार्यों को देखने के लिए प्रयागराज आए थे। सिविल लाइंस में भाजपा नेता राकेश शुक्ल के आवास पर उन्होंने पत्रकारों से बात की। इस दौरान मुम्बई के एक संगठन की ओर से आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात पर उन्होंने कहा कि भारत से इतर ऐसे जो भी संगठन हैं जो सामाजिक और सेवा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, वो शायद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के काम को जानते ही नहीं। उनकी सेवा, उनके काम समाज के हर क्षेत्र चाहे वो वनवासी हों, छात्र हों, अधिवक्ता हो, विधवा हो, महिला हो, शायद ही किसी संगठन ने इतना काम किया हो। ऐसे संगठन पर प्रतिबंध की बात कैसे कह सकते हैं, यह समझ से परे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ बहुत बड़ा संघ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान बंटेंगे तो कटेंगे का जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने समर्थन किया और कहा कि उन्होंने भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार ही बात की है। अखाड़ों में हुई मारपीट के सवाल पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि कुछ विवाद था, लेकिन अब सब ठीक है। महाकुम्भ की तैयारियों पर उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। देश और दुनिया से लाखों सनातन धर्मी, जिज्ञासु और मुमुक्षी यहां पर आएंगे। सरकार इसके लिए विशेष आयोजन कर रही है। गंगा जल पर इतना ही कहा कि धारा अपने स्वभाव के अनुसार बदलती रहती है, लेकिन पूरा विश्वास है कि प्रदेश सरकार इसे दुरुस्त कर लेगी। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने इसके पहले मेला क्षेत्र का भ्रमण किया और जूना अखाड़े में साधु संतों से मुलाकात भी की।

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