प्रयागराज के हाई प्रोफाइल मामलों में सीबीआई ने बनाई दूरी!

प्रयागराज के हाई प्रोफाइल मामलों में सीबीआई जांच का आदेश होने के बाद भी तफ्तीश शुरू न होने पर सवाल उठने लगे हैं। चर्चा है कि आखिर सीबीआई इन हाई प्रोफाइल मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। पुलिस...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 1 Nov 2020 02:40 PM
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प्रयागराज के हाई प्रोफाइल मामलों में सीबीआई जांच का आदेश होने के बाद भी तफ्तीश शुरू न होने पर सवाल उठने लगे हैं। चर्चा है कि आखिर सीबीआई इन हाई प्रोफाइल मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। पुलिस से आख्या लेने के बाद भी अभी तक सीबीआई ने एक्शन क्यों नहीं लिया। ना तो मुकदमा दर्ज हुआ है और ना ही किसी प्रकरण की तफ्तीश शुरू हुई है। कोई राजनीतिक कारण तो कोई सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है। पिछले 4 सालों में सीबीआई ने प्रयागराज के सिर्फ पूर्व विधायक राजू पाल मर्डर केस की विवेचना पूरी की है। प्रयागराज में लंबित 4 मुकदमों की जांच की सीबीआई से कराने का आदेश हुआ था।

पहला- डॉ एके बंसल मर्डर केस

12 जनवरी 2018। शहर के चर्चित डॉक्टर एके बंसल की जीवन ज्योति अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का खुलासा न होने पर डॉक्टर एके बंसल की पत्नी डॉ. वंदना बंसल ने शासन से सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। शासन के आदेश पर सीबीआई ने कीडगंज पुलिस से आख्या मांगी। इसके बाद एफआईआर की कॉपी भी ले गई। लेकिन अभी तक इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की।

दूसरा- एक्सिस बैंक घोटाला

एक्सिस बैंक सिविल लाइंस शाखा में 22 करोड़ 37 लाख 64 हजार के गबन का मामला सामने आया था। बैंक के मैनेजर ने 5 मई 2017 को सिविल लाइंस थाने में रिलेशनशिप मैनेजर कमाल एहशान और शुआट्स कर्मचारी राजेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। शुआट्स के अफसरों ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया था। जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। आख्या लेने के बाद सीबीआई ने केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

तीसरा- शुआट्स प्रकरण

हाईकोर्ट में एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने फर्जी एफिडेविट लगवाने के आरोप में कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस प्रकरण में शुआट्स के तथाकथित वकील व अन्य लोगों पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप था। एक्सिस बैंक घोटाले के साथ ही इस मुकदमे की सीबीआई जांच का आदेश हुआ था।

चौथा-बैंक ऑफ इंडिया में घोटाला

बैंक ऑफ इंडिया के सुलेमसराय, धूमनगंज की चेस्ट करेंसी से 4.25 करोड रुपए गबन हुआ। जुलाई 2019 में शाखा प्रबंधक ने बैंक के करेंसी चेस्ट प्रभारी वशिष्ठ कुमार राम और ठेकेदार संजीव मिश्रा व एके मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मुख्यमंत्री ने फरवरी 2020 को इस केस की सीबीआई जांच का आदेश किया था। सीबीआई ने धूमनगंज पुलिस से एफआईआर की कॉपी ली लेकिन अभी तक कार्रवाई शुरू नहीं की।

ललित मर्डर केस की चल रही तफ्तीश

जयंतीपुर निवासी ललित वर्मा की फरवरी 2016 में सिविल लाइंस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ललित के परिजनों ने पूर्व विधायक पूजा पाल समेत आठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने इस केस में नामजद आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए ललित के चचेरे भाई को ही आरोपी बनाया। बाद में पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई। अगस्त 2019 में हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की सीबीआई जांच का आदेश हो गया। सीबीआई ने प्रयागराज में कैंप करके आरोपी पक्ष का बयान दर्ज करना शुरू कर किया है।

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