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अपनी जड़ों से जुड़े रहने से ही मिलेगी मजबूती : बृज भूषण शरण सिंह

भोजपुरी महोत्सव 'माई' में पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने की आवश्यकता है। उन्होंने भोजपुरी भाषा और संस्कृति की मिठास की सराहना की। महोत्सव में कई गायकों ने शानदार...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 20 Oct 2024 02:25 AM
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प्रयागराज, संवाददाता। भोजपुरी महोत्सव 'माई' अपनी जड़ से जुड़ा है। जड़ों से जुड़ने से प्रबल मजबूती मिलती है। हम सभी को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की जरूरत है। यह विचार मुख्य अतिथि पूर्व सांसद व भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने शनिवार को भोजुपरी संगम और स्वाति फाउंडेशन की ओर से एएमए प्रेक्षागृह में आयोजित चतुर्थ माई महोत्सव में व्यक्त किए।

मैं झुक जाता तो मसला हल हो जाता...

भाषा, संस्कृति व लोककला से सजे सतरंगी मंच पर पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंच पर एक रमे हुए गीतकार की तरह श्रोताओं से रूबरू हुए। उन्होंने शुरुआत संजय सिंह को समर्पित शेर मैं झुक जाता तो मसला हल हो जाता, लेकिन मेरे किरदार का कत्ल हो जाता..से की तो प्रेक्षागृह तालियों से गूंज उठा। उन्होंने अवध क्षेत्र की बाढ़ पर केंद्रित गीत गोरी-गोरी नाजुक कलइया कैं कंगना, हरी-भरी अंखियन कै हरा-भरा सपना, नदिया बहाए लिए जाए रे... और कौनौ हमरी अंगुरिया चुराय लै गवा...प्रस्तुत कर समां बांधा।

अपनत्व का बोध कराती है भोजपुरी....

विशिष्ट अतिथि कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि भोजपुरी में ही नहीं, भोजपुरी समाज के लोगों में भी जो मिठास है वह कहीं नहीं दिखती। विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि जिस भाषा में हमने बोलना सीखा है, जिसने हमें अपनत्व का बोध कराया है। वह निश्चय ही हमारी मां से कम नहीं है।

विशिष्ट अतिथि डॉ. उदेश्वर सिंह, अमित अनजान, डॉ. ज्वाला प्रसाद, डॉ. चंद्रभूषण राय, पंकज गांधी ने विचार व्यक्त किए। स्वागत संबोधन में संयोजक अजीत सिंह ने कहा कि देश में 20 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं लेकिन सवैंधानिक दर्जा नहीं मिला। कवि सम्मेलन में डा. श्लेष गौतम, मनोज भावुक, देवकांत पांडेय, डॉ. विनम्र सेन सिंह, संजीव त्यागी ने भोजपुरी में काव्य पाठ किया।

वो जो आंखों से एक पल ना ओझल हुए….... पर झूमे श्रोता

भोजपुरी महोत्सव में कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। जानी-मानी युवा गायिका मैथिली ठाकुर ने गीत- वो जो आंखों से एक पल ना ओझल हुए…...को आवाज दी तो प्रेक्षागृह तालियों से गूंज उठा। उसके बाद मैथिली ने जमाना आइल बहुअन क….. प्रस्तुत कर भोजपुरी मंच को समृद्ध किया। लोकगायक दीपक त्रिपाठी ने गीत माई क दुधवा जेइसन दूसर मिठाई ना मिली...को जब सुरों से सजाया तो सभागार तालियों से गूंज उठा। गायक गोपाल राय ने भोजपुरी में संवाद करते हुए लोकगीत से समां बांधा। हेमा पांडेय, चंदन तिवारी, अनामिका त्रिपाठी, अल्का सिंह पहाड़िया, अनन्या सिंह ने भी गीत प्रस्तुत किए।

होइहि सोइ जो राम रचि राखा...

भोजपुरी महोत्सव में शामिल होने आए पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में बहराइच के महसी में हुए उपद्रव की घटना पर कहा कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कहा कि होइहि सोइ जो राम रचि राखा...। कहा कि महाकुंभ में डुबकी लगाने जरूर आऊंगा।

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