बांग्लादेशी संत का दर्द, 15 हजार एकड़ जमीन पर कब्जा
Prayagraj News - शांति सेवा शिविर में बांग्लादेशी संत ने अपनी पीड़ा साझा की। उनके गुरु की हत्या कर दी गई और उनकी 15 हजार एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया गया। देवकीनंदन ठाकुर ने समाज और धर्म की रक्षा के लिए प्रयास करने का...
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संगम लोअर मार्ग, नागवासुकी चौराहा (पश्चिमी पटरी) सेक्टर 17 स्थित शांति सेवा शिविर में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शुक्रवार को एक बांग्लादेशी संत ने शामिल होकर देवकीनंदन ठाकुर के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि उनके गुरुजी की विधर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी और उनकी 15 हजार एकड़ जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया है। यह घटना न केवल धर्म के लिए एक गंभीर चुनौती है, बल्कि समाज को जागरूक होने का आह्वान भी है। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मानव को केवल अपने पद, प्रतिष्ठा और व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए। समाज और धर्म की रक्षा के लिए कार्य करना हर व्यक्ति का दायित्व है। यदि समाज और धर्म सुरक्षित रहेगा, तभी मानव जीवन भी सुरक्षित रहेगा।
आत्मकेंद्रित जीवन जीने के बजाए हमें समाज के उत्थान और धर्म की रक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए 27 जनवरी को होने वाली सनातन धर्म संसद में सभी से भाग लेने का आह्वान किया। कहा कि सनातन बोर्ड का गठन धर्म, मंदिरों और हमारी संस्कृति की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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