रंगबिरंगी चुनरी से पटा फाफामऊ का कछार
बीती रात और सुबह हुई बारिश के बाद अब फाफामऊ के कछार में दफन शवों की हकीकत सामने आने लगी है। गंगा के कछार में कम से कम 50 बीघा क्षेत्र में शव दफनाए गए...
प्रयागराज। वरिष्ठ संवाददाता
बीती रात और सुबह हुई बारिश के बाद अब फाफामऊ के कछार में दफन शवों की हकीकत सामने आने लगी है। गंगा के कछार में कम से कम 50 बीघा क्षेत्र में शव दफनाए गए हैं।
दफनाए गए शवों से बारिश के दौरान बालू बह गई। बालू बहने से दफनाए गए शवों के ऊपर रखी रंग बिरंगी चुनरियां दिखाई पड़ने लगीं। शिवकुटी की तरफ फाफामऊ के कछार में सुबह चुनरी ही चुनरी दिखाई पड़ रही थी। शिवकुटी की तरफ बैठने वाले तीर्थ-पुरोहित उदय मिश्रा ने बताया कि कछार में जहां भी चुनरी दिखाई दे रही वहां शव दफन हैं।
पहले कर्जन ब्रिज और रेलवे पुल के आसपास व बीच में ही शव दफन किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा था। बारिश के बाद कछार के बड़े हिस्से में शव दफनाने की सच्चाई सामने आ गई। उदय कहते हैं कि अप्रैल और मई के पहले सप्ताह में अधिकतर शव रात में दफनाए गए। अब पहरा लग गया तो दो दिन से शव दफन नहीं किए जा रहे हैं।
एसडीआरएफ कर रही निगरानी
प्रयागराज। फाफामऊ और शिवकुटी घाट पर भी एसडीआरएफ ने निगरानी शुरू कर दी है। दो बोट के साथ एसडीआरएफ के जवान शिवकुटी की तरफ तैनात किए गए हैं। नगर निगम की निगरानी समिति के सदस्य कमलेश तिवारी ने एसडीआरएफ टीम के साथ कछार का निरीक्षण किया।
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