10 हजार से अधिक मुसाफिरों को लेकर गईं 70 बसें
लॉकडाउन में अपने परिवार के पास जाने के लिए परेशान 10 हजार से अधिक लोग रविवार को बसों से रवाना हुए। बसों से जाने वालों में पांच हजार से अधिक छात्र थे। सैकड़ों छात्राएं, महिलाएं भी शामिल...
लॉकडाउन में अपने परिवार के पास जाने के लिए परेशान 10 हजार से अधिक लोग रविवार को बसों से रवाना हुए। बसों से जाने वालों में पांच हजार से अधिक छात्र थे। सैकड़ों छात्राएं, महिलाएं भी शामिल थीं।
नई दिल्ली और नोएडा की तर्ज पर सिविल लाइंस बस अड्डे पर रविवार सुबह से भीड़ जुटने लग गई थी। अनुमति नहीं मिलने के कारण बसें नहीं चलाई जा रही थीं। दिन 11 बजे तक बस अड्डों पर हजारों की भीड़ जुट गई। इसमें सबसे अधिक छात्र और मजदूर थे। बस अड्डे पर भीड़ देख सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों ने प्रशासन से बात की। प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद बसें चलाने का फैसला हुआ।
यातायात पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह और प्रशासनिक अधिकारी बस अड्डा पहुंचे तो सबसे पहले बसें तैयार करने के लिए कहा गया। अलग-अलग जिलों के यात्रियों का समूह बनाकर निश्चित दूरी पर खड़ा कराया गया। दोपहर एक बजे से बसों का संचालन शुरू हुआ। एक-एक कर लखनऊ, फैजाबाद, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, कानपुर, फतेहपुर, चाकघाट के लिए बसें चलाईं गईं।
पूर्वांचल और फैजाबाद जाने वाली बसें खचाखच भरी थीं। शाम पांच बजे तक भीड़ होने के कारण इस रूट पर दो और तीन बसें चलानी पड़ीं। एक बस बिहार की सीमा तक भेजी गई। रात आठ बजे यात्रियों से बस अड्डा खाली हुआ। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस विसेन ने बताया कि 70 बसें विभिन्न रूटों पर चलाई गईं।
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