हाल-ए-गांव : 18 दिन में सात मौतों से सिहरा संडिला
रानीगंज तहसील मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित संडिला नवसृजित नगर पंचायत में शामिल कर लिया गया, लेकिन इसका स्वरूप जस का तस है। कोरोना संक्रमण...
रानीगंज तहसील मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित संडिला नवसृजित नगर पंचायत में शामिल कर लिया गया, लेकिन इसका स्वरूप जस का तस है। कोरोना संक्रमण का खौफ वहां घर-घर देखा जा सकता है। 18 दिन के भीतर सात लोगों की मौत और दो दर्जन से अधिक लोगों के जुकाम-बुखार की चपेट में होने से पूरा गांव सिहरा है।
रानीगंज से शाहपुर होते हुए मऊआइमा जाने वाले मार्ग पर स्थित संडिला को नगर पंचायत रानीगंज में शामिल कर लिया गया है। वहां ग्राम प्रधान का अस्तित्व समाप्त हो गया है, लेकिन सभासद का चुनाव अभी नहीं हुआ है। रविवार को दिन में प्रमुख बाजार संडिला सूनसान दिखा। सड़क के दोनों ओर करीब तीन किलोमीटर के दायरे में बसे साढ़े तीन हजार से अधिक आबादी वाले इस गांव में संडिला, निधि पट्टी, मंसाराम का पूरा, कसिहा और भिटरिया शामिल हैं। पंचायत चुनाव के सप्ताहभर बाद तक वहां सब कुछ ठीकठाक था। इसके बाद कई लोग जुकाम, बुखार की चपेट में आ गए। 29 अप्रैल को गांव की 60 वर्षीय सविता देवी की अचानक मौत हो गई। अन्य कई लोगों के बीमार होने से लोगों में कोरोना के संक्रमण की दहशत फैल गई। इसी बीच गांव के राधेश्याम पांडेय की पत्नी बिंदु देवी (60) की भी तीन मई को मौत हो गई। जुकाम, बुखार की चपेट में आने से आठ मई को आशा देवी ने दम तोड़ दिया। 15 मई की रात उनकी मां फूलन देवी चल बसीं। इसके अलावा जुकाम-बुखार की चपेट में आने के बाद तीन और लोगों की जान चली गई। इससे अन्य बीमार लोगों में दहशत और भी बढ़ गई। लोगों ने बाजार के झोलाछाप डॉक्टरों, सीएचसी गौरा व रानीगंज से दवा लेने के बाद खुद को अपने घर में आइसोलेट कर लिया है। गांव के संदीप तिवारी ने बताया कि सात मौतें होने के बाद भी स्वास्थ्य महकमे के लोग गांव में नहीं आए और न ही गलियां सेनेटाइज की गईं। सीएचसी गौरा के स्वास्थ्यकर्मी तो फोन करने के बाद भी नहीं आए। ऐसे में जुकाम, बुखार की चपेट में आए लोग अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जो लोग अपने घर से बाहर निकल भी रहे हैं उनमें दहशत साफ देखी जा सकती है।
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