हड़ताल पर रहे विद्युतकर्मी, प्रशासन के हवाले उपकेंद्र
निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग कर्मचारी संघ के प्रदेश संगठन ने कार्य बहिष्कार कर धरना देने का निर्देश दिया। सोमवार को अधीक्षण अभियंता के कार्यालय परिसर में भारी संख्या में विभागीय अधिकारी व...
निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग कर्मचारी संघ के प्रदेश संगठन ने कार्य बहिष्कार कर धरना देने का निर्देश दिया। सोमवार को अधीक्षण अभियंता के कार्यालय परिसर में भारी संख्या में विभागीय अधिकारी व कर्मचारी धरना में शामिल हुए। विद्युतकर्मियों के धरने से फिलहाल शहर क्षेत्र के उपकेंद्रों पर कर्मचारियों की हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा। कुछ उपकेंद्र पर फाल्ट की मरम्मत में अधिक समय लग रहा है।
पूर्वाचंल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने के फैसले से नाराज होकर रानीगंज, कुंडा, सदर व रानीगंज उपखंड के एक्सईएन ,एसडीओ, नियमित कर्मचारी व संविदाकर्मी सोमवार को भंगवाचुंगी स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर संगठन की मांगों को लेकर हुंकार भरी। लगभग 500 की संख्या में विभागीय कर्मचारी धरना स्थल पर मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद करते दिखे। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन हो इसके लिए धरना स्थल पर कर्मचारी व अधिकारी दूरी बनाकर बैठे थे। संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना दे रहे पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि प्रदेश संगठन का आश्वासन मिलने के बाद ही वह काम पर लौटेंगे।
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दो उपकेंद्र पर हुई परेशानी
विद्युत विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से लोगों को परेशानी हुई। चिलबिला व कादीपुर उपकेंद्र पर सोमवार की सुबह फाल्ट की वजह से लगभग दो घंटे तक आपूर्ति ठप रही। लोगों की शिकायत के बाद किसी तरह से आपूर्ति को चालू कराने का प्रयास किया गया। दरसअल विद्युत विभाग के अलग- अलग उपकेंद्र पर मरम्मत की जिम्मेदारी निजी संस्था की है। इस कारण लोगों को हड़ताल की वजह से अधिक समस्या नहीं आई। हालांकि कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से लोकल फाल्ट की मरम्मत में समय लग रहा है। शहर क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन उपकेंद्रो पर प्रशासन के कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
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