अकेले लखनऊ एसटीएफ करेगी डबल मर्डर की जांच
कोहंडौर में 25 जुलाई को हुई व्यापारी भाइयों की हत्या की जांच में पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश से बदमाश ही नहीं बल्कि पुलिस के मुखबिर भी अंडरग्राउंड हो गए। इससे जांच टीमों को सुराग नहीं मिल पा रहे थे। अब...
कोहंडौर में 25 जुलाई को हुई व्यापारी भाइयों की हत्या की जांच में पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश से बदमाश ही नहीं बल्कि पुलिस के मुखबिर भी अंडरग्राउंड हो गए। इससे जांच टीमों को सुराग नहीं मिल पा रहे थे। अब जांच से चार टीमों को अलग कर सिर्फ लखनऊ एसटीएफ की टीम को खुलासे की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हत्या के बाद कोहंडौर पुलिस, सीओ सिटी के नेतृत्व में अंतू व कंधई थाने की टीम, क्राइम ब्रांच, इलाहाबाद एसटीएफ व लखनऊ एसटीएफ की टीम लगाई गई थी। मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय प्रशासन व व्यापारियों के दबाव को देखते हुए जांच में लगी सभी टीमों ने एक तरफ से सभी बदमाशों के घर दबिश देकर हिरासत में लेना शुरू किया। इससे वे बदमाश भी जिला छोड़कर भाग गए जिनका हत्याकांड से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। इन्हीं बदमाशों मेंे पुलिस व एसटीएफ के मुखबिर भी हैं। पुलिसवाले खुलेआम बदमाशों के घरवालों से मोबाइल नम्बर मांगने लगे तो अधिकांश बदमाशों ने अपने फोन बंद कर लिए। इससे हत्यारों के बारे मेें पुलिस की किसी टीम को कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। इसे देखते हुए अब डबल मर्डर की जांच से लखनऊ एसटीएफ को छोड़कर अन्य टीमों को अलग कर दिया गया है। लखनऊ एसटीएफ दो शूटरों को हिरासत में लेकर अन्य बदमाशों की लोकेशन पता करने का प्रयास कर रही है।
तेरहवीं में शामिल हुए व्यापारी
कोहंडौर। बदमाशों की गोलियों से मारे गए सीमेंट व लोहा व्यापारी श्याम सुंदर व श्याम मूरत की हत्या के बाद सोमवार को तेरहवीं भी हो गई लेकिन पुलिस हत्या की वजह तक नहीं जान पाई। तेरहवीं में सभी व्यापारियों को निमंत्रण मिला लेकिन व्यापारी अभी दोहरी हत्या से उबर नहीं पाए हैं इसलिए पुलिस व प्रशासन को कोसते हुए तेरहवीं के कर्मकांड पूरे किए गए।
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