बुखार और पेट दर्द के मरीजों में डेंगू का खौफ
प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज में सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों में डेंगू का डर बढ़ गया है। डॉक्टरों का कहना है कि प्लेटलेट्स की कमी का मतलब डेंगू नहीं है। सटीक लक्षणों की पहचान के लिए सलाह दी जा रही...
प्रतापगढ़, संवाददाता। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में आने वाले सर्दी, जुकाम, बुखार, पेट दर्द के मरीजों को भी डेंगू का खौफ सता रहा है। जिस मरीज की खून की जांच में प्लेटलेट्स 60 हजार के आसपास आ रही है वे घबरा जा रहे हैं कि कहीं उन्हें डेंगू तो नहीं हो गया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ऐसे मरीजों को समझा रहे हैं कि प्लेटलेट्स कम होने का मतलब डेंगू नहीं होता। उन्हें डेंगू के सटीक लक्षणों की पहचान करना बता रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय की ओपीडी में तैनात वरिष्ठ फिजीशिएन डॉ. मनोज खत्री के मुताबिक बुधवार को उनकी ओपीडी में 300 से अधिक मरीज आए। उसमें सबसे अधिक मरीज सर्दी जुकाम बुखार के थे। बुखार और लीवर में इंफेक्शन के मरीजों की संख्या 200 से अधिक रही। पखवाड़े भर से मरीजों का लगभग यही अनुपात बना है। वहीं डेंगू के मरीज कभी एक-दो, कभी एक भी नहीं मिल रहे हैं। अब तक जिले के कुल 38 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो पाई है। फिर भी मरीजों में सबसे अधिक खौफ डेंगू का देखा जा रहा है। डॉक्टर ने बताया कि सर्दी जुकाम, बुखार ही नहीं बल्कि लीवर में किसी भी वजह से इंफेक्शन होने पर भी प्लेटलेट्स घट जाती है। प्लेटलेट्स 1.5 लाख से कम नहीं होनी चाहिए। लेकिन वायरल बुखार और लीवर इन्फेक्शन वाले मरीजों में यह कम होने लगती है। इस दौरान हुई खून की जांच में जब मरीज को पता चलता है कि उनकी प्लेटलेट्स घटकर एक लाख से नीचे आ गई है तो उन्हें डेंगू का डर सताने लगता है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर समझा रहे हैं कि प्लेटलेट्स कम होने का सीधा मतलब डेंगू नहीं होता। प्लेटलेट्स अन्य कारणों से भी घटती बढ़ती रहती हैं। इसलिए इसे सीधे डेंगू से जोड़ना ठीक नहीं। ऐसे मरीजों को डॉक्टर हर दो दिन पर प्लेटलेट्स की जांच कराते रहने की सलाह दे रहे हैं।
ऐसे करें डेंगू के सटीक लक्षणों की पहचान
डेंगू और वायरल बुखार के लक्षण एक दूसरे से इतना अधिक मिलते जुलते हैं कि मरीज कंफ्यूज हो जाते हैं। डॉ. मनोज खत्री मरीजों को समझा रहे हैं कि तीन प्रमुख लक्षण मिलने पर ही डेंगू की आशंका करनी चाहिए। इसमें पहला लक्षण, सिर के अगले हिस्से व आंख के पीछे दर्द, दूसरा-शरीर पर चकत्ते और तीसरा- तेज बुखार है। यह तीनों लक्षण यदि मरीज में हैं तो उसे डॉक्टर के पास ले जाकर डेंगू की जांच करानी चाहिए। बुखार या लीवर के जिन मरीजों में तीनों लक्षण नहीं हैं उन्हें डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है।
प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण
1-सामान्य खरोंच पर भी लम्बे समय तक खून बहना।
2-त्वचा पर नीले, लाल या बैगनी रंग के निशान उभरना।
3-नाक और मसूड़ों से खून आना।
4-मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द बने रहना।
5-कमजोरी या चक्कर महसूस होना।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय
1-डाइट में विटामिन बी-12, सी,डी और विटामिन के से भरपूर आहार लें।
2-पपीते का सेवन बढ़ाएं।
3-भोजन में तरल पदार्थ अधिक लें।
इनका कहना है
हर बुखार डेंगू नहीं होता फिर भी जिन मरीजों की प्लेटलेट्स वायरल सर्दी बुखार, लीवर में इन्फेक्शन आदि की वजह से कम हो रही है उन्हें भी डेंगू का खतरा लगने लगा है। ऐसे मरीजों को डेंगू के लक्षण की सटीक पहचान बताई जा रही है। घबराने की बजाय एहतियात बरतने की जरूरत समझाई जा रही है।
-डॉ. मनोज खत्री, वरिष्ठ फिजीशिएन मेडिकल कॉलेज
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