ओपीडी में कम नहीं हो रही खांसी के मरीजों की भीड़
Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय की ओपीडी में 50 फीसदी मरीज खांसी से पीड़ित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड से बचने के लिए उचित एहतियात जरूरी है। मरीजों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी...
प्रतापगढ़, संवाददाता। मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय स्थित मेडिसिन विभाग की ओपीडी में 50 फीसदी मरीज गले से फेफड़े तक कहीं न कहीं संक्रमण के चलते खांसी की समस्या पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को डॉक्टर दवा देने के साथ यह भी समझा रहे हैं कि ठंड से बचने के लिए एहतियात बरते बिना खांसी से पूरी तरह छुटकारा पाना आसान नहीं है। ठंड का सीजन शुरू हुए दो महीने बीत चुके हैं फिर भी राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय की ओपीडी में खांसी के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। शुक्रवार को ओपीडी में आने वाले 194 मरीजों में 98 मरीज खांसी से पीड़ित थे। वरिष्ठ चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश पांडेय ने बताया कि ठंड के मौसम में दिनभर लोग खूब कपड़े पहने होते हैं। किन्तु घर पहुंचने पर सुबह शाम लापरवाही कर जाते हैं। कई मरीज बताते हैं कि बाहर से आने के बाद घर पर कपड़ा उतारकर बिना दूसरा गर्म कपड़ा पहने बाथरूम चले जाते हैं तो अगली सुबह उनकी खांसी बढ़ गई होती है। ऐसे मरीजों को एहतियात बरतने के साथ खानपान दुरुस्त कर अपनी इम्युनिटी मजबूत करने की सलाह दी जा रही है। मरीजों और उनके तीमारदारों को समझाया जा रहा है कि जिसकी इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होती है उसे उन लोगों से अधिक एहतियात बरतने की जरूरत होती है जिनकी इम्युनिटी मजबूत है। गले में बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या किसी भी अन्य संक्रमण से खांसी शुरू हो जाती है। ऐसे में कोहरे की धुंध में हवा के साथ लटके प्रदूषण कणों को सांस नली में जाने से खांसी को मौका मिल जाता है।
बरतें सावधानी
1-सुबह शाम ठंड से बचाव करें।
2-धूम्रपान, कैफीन और शराब से बचें।
3-सुबह-शाम भाप लें।
4-गरम तरल पदार्थ अधिक पीएं।
5-डॉक्टर की बताई दवा और पौष्टिक खाना समय पर लें।
इनका कहना है
ठंड, कोहरा और दोपहर में तेज धूप जैसी परिस्थितियां संक्रमण फैलाने वाले वायरस व बैक्टीरिया को तेजी से फैलने का अवसर उपलब्ध करा रही हैं। ऐसे में जरा सी लापरवाही भी लोगों के गले से फेफड़े तक कहीं न कहीं संक्रमित कर दे रही है। इसी संक्रमण की प्रतिक्रिया के रूप में खांसी हो रही है। ऐसे में मरीजों को संक्रमण से बचाव के तरीके समझाए जा रहे हैं।
-डॉ. रमेश पांडेय, वरिष्ठ फिजीशिएन एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ।
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