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भगवान की भक्ति से मानव का कल्याण संभव : स्वामी रामभद्राचार्य

रामपुर खागल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि भगवान की भक्ति से मानव का कल्याण संभव है। भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए उन्होंने बताया कि भगवान ने हर संकट में भक्त...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रतापगढ़ - कुंडाMon, 21 Oct 2024 10:55 PM
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बनी तेरहमील, हिन्दुस्तान संवाद। पट्टी के रामपुर खागल में पं. अंबिका प्रसाद मिश्र की स्मृति में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार को चित्रकूट से आए कथा व्यास श्री तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि भगवान की भक्ति से मानव का कल्याण संभव है। अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए भगवान किसी न किसी रूप से पहुंच जाते हैं। इस दौरान उन्होंने भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णन सुनाते हुए कहा कि भक्ति में इतनी शक्ति है इसका सबसे बड़ा उदाहरण भक्त प्रहलाद है। राजा हिरणाकश्यप ने स्वयं को भगवान घोषित कर प्रजा से अपनी भक्ति करवानी शुरू कर दी। उसी के घर प्रहलाद का जन्म हुआ। प्रहलाद हर समय भगवान का स्मरण करता, जिससे हिरणाकश्यप क्रोधित हो जाता। उसने प्रहलाद को विभिन्न प्रकार की यातनाएं दी, मगर हर संकट के समय भगवान ने उसकी स्वयं पहुंचकर रक्षा की।

भगवान नरसिंह अवतार लेकर खंभे से प्रकट हुए तथा अपने भक्त की रक्षा की। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि जो मनुष्य भगवान की सेवा और तपस्या करते हैं, उसकी रक्षा करने के लिए भी भगवान दौड़े चले आते हैं। वासना मनुष्य को शैतान बना देती है और साधना भगवान से मिला देती है। ऐसे में मनुष्य को अपने प्रतिदिन थोड़ा समय ईश्वर भक्ति में भी लगाना चाहिए। जिससे उसके सारे दुख दूर हो जाएंगे। मुख्य यजमान कमला देवी मिश्रा, सुशील मिश्रा, रेनू मिश्रा, दिनेश मिश्रा, अर्चना मिश्रा रहे। तुलसी पीठ सेवा न्यास चित्रकूट के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास मौजूद रहे।

रमणरेती आश्रम से आए गुरु शरणानंद

रामपुर खंगाल में श्रीमद् भागवत कथा व स्मृति महोत्सव में सोमवार को चौथे दिन रमणरेती गोकुल के श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के आचार्य महामंडलेश्वर कार्ष्णि पीठाधीश्वर स्वामी गुरु शरणानंद हेलीकॉप्टर से पहुंचे। उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य का माल्यार्पण किया। स्वामी रामभद्राचार्य ने भी गुरु शरणानंद को अपने विद्यार्थी काल का गुरु भाई बताते हुए उनका माल्यार्पण किया। गुरु शरणानंद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में स्वामी रामभद्राचार्य की अहम भूमिका बताई।

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