Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़policemen seized 95 e cigarettes recovered rs 3 lakh two inspectors and one constable suspended

पुलिसवालों ने हड़प ली 95 ई-सिगरेट, 3 लाख वसूले; दो दरोगा एक कांस्‍टेबल सस्‍पेंड

  • पुलिस ने जुर्माना करके पकड़ी गई 100 में से सिर्फ पांच ई-सिगरेट की बरामदगी ही दिखाई। आरोप है कि बाकी सिगरेट किसी को बेचकर लाखों रुपये हड़प लिए। पैसे नहीं मिले तो मैनेजर को पूरी रात चौकी में बैठाए रखा। पुलिस कमिश्‍नर 2 दरोगा और एक कांस्‍टेबल को सस्‍पेंड कर दिया है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, कानपुरSat, 18 Jan 2025 02:22 PM
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Kanpur Police Action: कानपुर में पुलिस ने ई-सिगरेट की बरामदगी में खेल कर दिया। वसूलीबाजी के लिए खाकी को दागदार करने वाले चौकी इंचार्ज और सिपाही ने पूरा खेल खेला। शातिरों ने मैनेजर को छोड़ने के बदले में मालिक से तीन लाख रुपये भी वसूल लिए। जुर्माना करके पकड़ी गई 100 में से सिर्फ पांच ई-सिगरेट की बरामदगी ही दिखाई गई। बाकी सिगरेट किसी को बेचकर लाखों रुपये हड़प लिए गए। यही नहीं शातिरों ने पैसा न देने पर मैनेजर को पूरी रात चौकी में बैठाए रखा। मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्‍नर दो दरोगा (नगर निगम और आर्यनगर चौकी इंचार्ज ) और एक कांस्‍टेबल को सस्‍पेंड कर दिया है।

डीसीपी सेंट्रल के मुताबिक रतन ऑर्बिट के प्रकाश अग्रवाल की रेजियंश टावर स्वरूप नगर में मिनी मेगा स्टोर के नाम से दुकान है। इसमें हुक्के से संबंधित माल बेचा जाता है। 19 दिसंबर को नगर निगम चौकी प्रभारी यशवीर सिंह, आर्य नगर चौकी इंचार्ज अविसार सिंह और कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार ने प्रकाश की दुकान पर छापा मारा। करीब सौ अदद ई-सिगरेट बरामद कीं। दुकान के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर कब्जे में लेकर मैनेजर को चौकी ले गई। जहां पैसा लेकर उसे छोड़ दिया गया। एसीपी कर्नलगंज की जांच के बाद तीनों दोषी पाए गए।

छापेमारी करके चौकी इंचार्जों और सिपाही ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर कब्जे में लेकर दुकान के मैनेजर शिखर त्रिपाठी को चौकी नगर निगम थाना स्वरूपनगर एवं आर्य नगर चौकी ले गए। दुकान से पुलिसकर्मी चार झोले में 100 सिगरेट लेकर आए। फिर मैनेजर को छोड़ने के बदले में उसके परिजनों और मालिक से तीन लाख रुपये की मांग की गई। पैसा न देने पर उसे पूरी रात अलग-अलग चौकी में बैठाए रखा। मांग पूरी नहीं होने पर जेल भेजने की धमकी दी। दहशत में आए दुकानदार ने जेल जाने के डर से तीन लाख रुपये दिए। पुलिस वालों ने छापेमारी के बाद सिर्फ 5 ई-सिगरेट बरामद दिखाई और जुर्माना लगाकर मैनेजर को छोड़ दिया। लाखों की 95 ई-सिगरेट पुलिस कर्मियों ने हड़प ली। शॉप मालिक ने मामले की जानकारी एसीपी कर्नलगंज को दी। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने एसीपी कर्नलगंज टीबी सिंह को मामले की जांच सौंपी। जांच में शॉप मालिक के एक-एक आरोप सही पाए गए। एसीपी टीबी सिंह की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार शाम को स्वरूप नगर थाने के नगर निगम चौकी इंचार्ज यशवीर सिंह, आर्य नगर चौकी इंचार्ज अविसार सिंह और कांस्टेबल धर्मेन्द्र कुमार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही तीनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है।

सीसीटीवी की डीवीआर की गायब

चौकी इंचार्ज और सिपाही ने पहुंचते ही सबसे पहले मौजूद 100 ई-सिगरेट को चार झोलों में रख लिया। फिर, दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर भी कब्जे में ले लिया। इसके बाद मैनेजर को लेकर चले गए। फिलहाल दुकान की डीवीआर का अभी तक पता नहीं चल सका है। काफी तलाश के बावजूद डीवीआर बरामद नहीं हो सकी। जिससे पुलिस कर्मियों की करतूत कैमरे में नहीं दिख सकी।

क्या है ई-सिगरेट

ई-सिगरेट बैटरी चलित उपकरण है जो निकोटीन या गैर-निकोटीन के वाष्पीकृत होने वाले घोल की सांस के साथ सेवन की जाने वाली खुराक प्रदान करती है। यह सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धूम्रपान वाले तम्बाकू उत्पादों का विकल्प है। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट लंबी ट्यूब के रूप में होती है।

दर्ज हो सकता केस, पूछताछ

चौकी इंचार्ज व सिपाहियों ने पैसा न देने तक मैनेजर को चौकी में बैठाए रखा। ई-सिगरेट बरामदगी पर सिर्फ जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में पुलिस कर्मियों ने खुलेआम वसूली की। इसके लिए उन पर मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। इसके लिए दुकानदार समेत अन्य से पूछताछ व बयान लिया जा रहा है। एसीपी अनवरगंज की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।

क्‍या बोली पुलिस

डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में एसीपी कर्नलगंज से शिकायत की गई थी। उसके आधार पर जांच कराई गई है। दोषी पाए जाने पर तीनों को सस्पेड किया गया है। जांच एसीपी अनवरगंज को दी गई है।

अपर पुलिस आयुक्‍त (कानून) हरीश चंदर ने कहा कि मामला गंभीर है। इसलिए तीनों को निलंबित किया गया है। एसीपी अनवरगंज को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। अगर दुकानदार तहरीर देगा तो रिपोर्ट भी दर्ज होगी। बाकी जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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