एसपी को गाड़ी न देने पर पुलिसकर्मियों ने चोरी के मुकदमे में फंसाया, जांच में खुलासा
यूपी के रायबरेली एसपी को गाड़ी न देने पर पुलिसकर्मियों ने चोरी के मुकदमे में फंसा दिया। जांच के बाद पुलिस कमिश्नर, लखनऊ ने अपनी जांच रिपोर्ट दे दी है। पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक व विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है।
रायबरेली एसपी अभिषेक अग्रवाल को टैक्सी देने से इनकार करने पर चोरी के फर्जी मुकदमे में फंसाने के कथित मामले में जांच के बाद पुलिस कमिश्नर, लखनऊ ने अपनी जांच रिपोर्ट दे दी है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष प्रस्तुत उक्त रिपोर्ट में रायबरेली के थाना खीरो के सम्बन्धित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक व विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है। न्यायालय ने इस आधार पर मामले में दाखिल याचिका को निस्तारित कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने गोमती मिश्रा की याचिका पर पारित किया। याची का कहना था कि वह एक बुजुर्ग मां है, उसके एमबीए शिक्षित बेटे को चोरी के फर्जी केस में सिर्फ इसलिए गिरफ्तारी दिखा दी गई क्योंकि उसने रायबरेली के एसपी अभिषेक अग्रवाल को टैक्सी देने से इनकार कर दिया था।
याची की ओर से दलील दी गई कि उसके बेटे अलख मिश्रा को 30-31 मार्च की रात को पुलिस ने मौरांवा पेट्रोल पम्प से गिरफ्तार किया व उसे थाना खीरो ले जाया गया, जहां उसे मारा पीटा गया तथा अगले दिन 31-1 की रात को उसकी हिन्दूपुर गांव में चोरी के दौरान गिरफ्तारी दिखा दी। कहा गया कि 30-31 मार्च को पेट्रोल पम्प से की गई गिरफ्तारी की सीसीटीवी फुटेज मौजूद है।
न्यायालय मामले को बहुत गंभीर मानते हुए, पुलिस महानिदेशक को मामले में एसआईटी गठित कर जांच कराने का आदेश दिया था। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि आदेश के अनुपालन में पुलिस कमिश्नर, लखनऊ से जांच कराई गई।
उनकी जांच रिपोर्ट में इस आरोप को सत्य पाया गया कि याची के बेटे अलख मिश्रा समेत राधेश प्रताप सिंह व संजय सिंह को मौरावां पेट्रोल पम्प से लाकर थाना खीरो में रखा गया लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा आवश्यक लिखा-पढी नहीं की गई व चोरी के आरोप में उनका चालान कर दिया गया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।