नए साल में फिर से अपनी गोपनीय डायरी बनाएंगे थानेदार, होंगे कई फायदे
- थानेदारों को गोपनीय डायरी एक बार फिर लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। गोरखपुर से इसकी शुरुआत होगी। थानेदारों को बताया जाएगा कि यह डायरी किस तरह से लॉ एंड ऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डायरी कैसे लिखी जाती इसके लिए किसी के पास मौजूद पुरानी डायरी ढूंढी जाएगी।
UP Police News: थानों में मौजूद रहने वाली थानेदारों की गोपनीय डायरी एक बार फिर लिखने के लिए प्रोत्साहित करने की तैयारी शुरू हो गई है। गोरखपुर से इसकी शुरुआत होगी। एसपी नार्थ अपने इलाके के थानेदारों को गोपनीय डायरी लिखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और बताएंगे कि यह डायरी किस तरह से लॉ एंड ऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डायरी कैसे लिखी जाती इसके लिए किसी के पास मौजूद पुरानी डायरी ढूंढी जाएगी साथ ही पुराने थानेदारों से भी मदद ली जाएगी। डायरी ऐसी बनेगी कि पन्ना पलटते ही नए थानेदारों के सामने पूरा इलाका आईने की तरह दिखने लगे।
दरअसल, गोपनीय डायरी एक दस्तावेज की तरह होती थी जिसका निरीक्षण नहीं होता था पर उसमें साल-दर-साल अच्छी-बुरी सारी बातें लिखी होती थी। थाने के खास इलाके और व्यक्तियों के बारे में पूरा ब्योरा होता था। थानेदार भले ही थाने पर बैठाकर चाय पिलाता लेकिन गोपनीय डायरी में इसका जिक्र करता था कि यह अमूक व्यक्ति किस तरह का है और उससे किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए।
यही नहीं, उसके साथ के लोग कैसे हैं और किस तरह का काम करते हैं। इस डायरी में थाना क्षेत्र में होने वाले अच्छे-बुरे धंधे का पूरा विवरण होता था। इस धंधे कितना पैसा मिलता... कहां-कहां बांटा जाता है। मसलन थानेदार को एक डायरी मात्र से अपने थाना क्षेत्र के साथ ही थाने पर आने वाले व्यक्ति और अच्छे-बुरे लोगों का पूरा खाका सामने आ जाता था। गोपनीय डायरी को थानेदार अपने अंडर में लॉकर में बंद रखता था। जब उसका ट्रांसफर होता था तब वह नए थानेदार को सौंपता था। लेकिन वर्तमान में यह खत्म हो गया है। कुछ लोगों ने डायरी बनाई लेकिन वह ट्रांसफर के साथ अपने साथ लेकर चले गए। इसी से अब दोबारा डायरी लिखने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
गोपनीय डायरी से ये हैं फायदे
थाने का चार्ज लेते ही गोपनीय डायरी से थानेदार को तत्काल सब कुछ पता चल जाएगा, वर्तमान में उसे समझने में महीनों लग रहे हैं। यही नहीं, जब कोई ऐसी घटना होती है जिसमें लॉ एंड ऑर्डर की समस्या होती है उसमें भी गोपनीय डायरी से मदद मिलेगी। क्योंकि उसमें ऐसे बातों का जिक्र होगा जिससे उस इलाके या बिरादरी के प्रभावशाली व्यक्ति से पुलिस मदद ले सकेगी।
क्या बोले अधिकारी
एसपी नार्थ जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गोपनीय डायरी एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसकी जांच नहीं होती लेकिन इससे थानेदारों को फायदा बहुत होता है। खासतौर पर लॉ एंड ऑर्डर को लेकर और इलाके के अच्छे-बुरे व्यक्ति के बारे में जानकारी करने में। वर्तमान में किसी थाने पर गोपनीय डायरी ढ़ूंढे नहीं मिल रही है। ऐसे में थानेदारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह गोपनीय डायरी लिखने की परम्परा शुरू करें।