पीएम मोदी करेंगे प्रयागराज महाकुंभ का शुभारंभ और समापन, संगम तट पर ही बड़ा मंच बनाने की तैयारी
प्रयागराज महाकुम्भ 2025 की शुरुआत और समापन दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। पीएम 13 दिसंबर को प्रयागराज आएंगे और संगम आरती व पूजा के साथ महाकुम्भ की औपचारिक शुरुआत करेंगे।
प्रयागराज महाकुम्भ 2025 की शुरुआत और समापन दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। पीएम 13 दिसंबर को प्रयागराज आएंगे और संगम आरती व पूजा के साथ महाकुम्भ की औपचारिक शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के बाद एक बार फिर आएंगे और संगम के जल का आचमन करेंगे। संगम तट से स्वच्छ कुम्भ का संदेश देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर इस वक्त मेला प्राधिकरण में तैयारियां तेज हो गई हैं। 13 दिसंबर के लिए संगम तट पर एक बड़ा मंच बनाया जाएगा। जहां से पीएम गंगा पूजन और आरती करेंगे। यहां गंगा तट स्वच्छ कर प्रधानमंत्री खुद स्वच्छता का संदेश देंगे। जिसके बाद स्वच्छ महाकुम्भ का शुभारंभ होगा। पीएम स्वच्छाग्रहियों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
प्राधिकरण में अफसरों ने संगम तट पर लेवलिंग का काम तेज करा दिया है। प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि महाशिवरात्रि के बाद पीएम के आगमन का अनुमोदन मिल चुका है। हालांकि समापन कार्यक्रम की औपचारिक तिथि अब तक नहीं आई है।
पूरे मेला क्षेत्र में बनेंगे सेल्फी प्वाइंट
महाकुम्भ की देश और दुनिया में ब्रांडिंग के लिए मेला क्षेत्र में प्रमुख स्थलों पर सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे। पीएम संगम पर बने सेल्फी प्वाइंट पर फोटो खिंचवाएंगे।
1783 करोड़ रुपये के हो रहे अस्थाई कार्य
महाकुम्भ के दौरान 1783 करोड़ रुपये के अस्थाई कार्य होंगे। इसमें टेंट कॉलोनी, टेंट सिटी, पांटून ब्रिज, मेले की ब्रांडिंग के लिए सेल्फी प्वाइंट आदि बनाएं जा रहे हैं। हालांकि अस्थाई कार्यों का लोकार्पण प्रधानमंत्री से नहीं कराया जाएगा।
जमीन आवंटन पर अखाड़े अड़े
जमीन आवंटन को लेकर फिलहाल संतों का रुख स्पष्ट है। अधिक जमीन की मांग पर अखाड़े अड़े हैं। हालांकि इस बीच मेला प्रशासन के रुख के कारण कुछ नरमी दिख रही है, लेकिन 18 व 19 नवंबर को ही आवंटन के वक्त वास्तिक स्थिति की जानकारी होगी।
महाकुम्भ के लिए अखाड़ों को जमीन आवंटन के लिए 18 व 19 नवंबर को बुलाया गया है। इसके पहले ही अखाड़ों ने कम जमीन की बात कहकर आवंटन के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। शुक्रवार को बड़ा उदासीन अखाड़े के मुखिया महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत दुर्गादास ने मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया।
उन्होंने जमीन की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के लिए गए थे। इसी दौरान निरीक्षण भी किया। महंत दुर्गादास ने कहा कि मेलाधिकारी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
मेले का आयोजन तो होना ही है। लेकिन 18 को एक बार बात जरूर होगी। क्योंकि संतों का परिवार लगातार बढ़ रहा है। वहीं, इस बारे में एडीएम कुम्भ विवेक चतुर्वेदी का कहना है कि जमीन का निरीक्षण पूर्व में ही कराया जा चुका है। सभी को पर्याप्त जमीन दी जा रही है। पिछले कुम्भ से अधिक जमीन इस बार भी दी जाएगी।