Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़पीलीभीतWater dripping tank made of crores of rupees in Bundi Bhoot

बूंदीभूड़ में करोड़ों की लागत से बनी टंकी से टपकने लगा पानी

ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए नेपाल सीमावर्ती गांव बूंदीभूड़ में करोड़ों रुपये की लागत से पानी की टंकी का निर्माण कराया गया। आरोप है कि निर्माण में स्वीकृत रुपये को ठिकाने लगा दिया गया...

हिन्दुस्तान टीम पीलीभीतFri, 21 Dec 2018 12:22 AM
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ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए नेपाल सीमावर्ती गांव बूंदीभूड़ में करोड़ों रुपये की लागत से पानी की टंकी का निर्माण कराया गया। आरोप है कि निर्माण में स्वीकृत रुपये को ठिकाने लगा दिया गया और निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का जमकर प्रयोग किया गया।

ग्रामीणों ने निर्माण कार्य के दौरान ही कई बार अधिकारियों को कार्य सही से नहीं होने की जानकारी दी लेकिन मिलीभगत के चलते ध्यान नहीं दिया गया। करोड़ों की लागत से बनी टंकी से पानी टपक रहा है। इससे भारी भरकम रुपये खर्च होने के बावजूद ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल सकेगा। ग्रामीणों में कार्यदायी संस्था और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव बूंदीभूड़ और बंदरबोझ में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने को लेकर बार्डर एरिया डेवलपमेंट योजना के तहत उत्तर प्रदेश जल निगम की की तरफ 2016-17 में दो करोड़ 48 लाख 35 हजार की लागत से पानी की टंकी का निर्माण कराया गया है। निर्माण कार्य दिसंबर 2016 से शुरू हुआ था। कार्य पूरा करने की तिथि दिसंबर 2018 थी। मानक के अनुरूप कार्य कराए जाने को लेकर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता गिरीशचंद्र को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। ग्रामीणों का आरोेप है कि टंकी निर्माण के शुरुआती दौर में ही इसमें भ्रष्टाचार का घुन लग गया था। इससे ठेकेदारों ने मनमाने ढंग से काम कराया। निर्माण कार्य में घटिया सामग्री लगाई गई। इसके विरोध में ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को अवगत भी कराया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।

निर्माण कार्य में लापरवाही इस कदर हावी हुई कि पानी की टंकी बनते ही खराब हो गई। इस समय टंकी से पानी टपक रहा है। इससे ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति नहीं मिल सकेगी। जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर भी अनदेखी कर रहे हैं।बजट का बंदरबाट करने का आरोप ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में शासन से स्वीकृत बजट में जमकर बंदरबांट कर लिया गया। अगर शासन से स्वीकृत बजट का सदुपयोग किया गया होता तो टंकी से पानी का टपकता। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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