Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़पीलीभीतTiger Movements Monitored Near Chandoopur Village as Locals Report Sightings

बाघ की निगरानी में जुटी वन टीमें, दो दिन से नहीं मिली लोकेशन

गांव चांदूपुर के आस-पास बाघ की गतिविधियों की लगातार निगरानी की जा रही है। पिछले दो दिन से बाघ के पगचिन्ह नहीं मिले हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि बाघ जंगल में वापस चला गया है। हालांकि,...

Newswrap हिन्दुस्तान, पीलीभीतSat, 16 Nov 2024 03:17 AM
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करीब पखबाड़ा भर से गांव चांदूपुर के आस-पास खेतों में बाघ की चहल कदमी देखी जा रही है। वन विभाग की टीम लगातार मानीटरिंग कर रही है। पिछले दो दिन से बाघ के पगचिन्ह ट्रेस नहीं हुए हैं। ऐसे में बाघ के जंगल में वापस जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि ग्रामीणों द्वारा खन्नौत नदी में बाघ का होना बताया जा रहा है। कलीनगर तहसील क्षेत्र के कई गांव पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल से कुछ ही दूर बसे हैं। जंगल की सीमा खुली होने से बाघ और तेंदुआ आबादी क्षेत्र में दस्तक देते रहते हैं। वन्यजीवों की रोकथाम न होने से क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी होती रहती है। करीब पखबाड़ा पर पहले बाघ जंगल से निकलकर क्षेत्र के गांव चांदूपुर के समीप खन्नौत नदी में पहुंचा। तब से उसकी चहल कदमी खन्नौत नदी से लेकर गांव किनारे गन्ने के खेतों तक हो रही है। ऐसा ग्रामीणों का कहना है। पांच दिन पहले बाघ ने एक सिख फार्मर के घर के पास पालतू गाय को मार दिया था। तब से वन विभाग की टीम निगरानी कर रही है। दो दिन पहले बाघ ने गांव के एक किसान के गन्ने के खेत में आवारा गोवंश का शिकार किया। इससे क्षेत्र में बाघ की दहशत फैल गई। एक दिन पहले गुरुवार को वन विभाग के अफसरों ने स्थलीय जायजा लेने के साथ ग्रामीणों से वार्ता की। हालांकि पिछले दो दिन से बाघ के पगचिन्ह ट्रेस नहीं हुए हैं। इससे बाघ के जंगल में जाने की बात कही जा रही है। सामाजिक वानिकी के वन दरोगा अजमेर सिंह ने बताया कि दो दिन से पगमार्क नहीं मिले हैं। इससे बाघ की लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। उम्मीद हैं कि बाघ जंगल में वापस चला गया होगा। टीम लगातार निगरानी कर रही है।

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