चांदूपुर में बाघ ने फिर गोवंश को गन्ने के खेत में मार डाला
गांव चांदूपुर में बाघ ने एक आवारा गोवंश को मार दिया, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। वन विभाग ने बाघ की निगरानी के लिए टीम बनाई है। पिछले कुछ दिनों से बाघ आबादी क्षेत्र में देखा जा रहा है, जिससे कृषि...
गांव चांदूपुर के खेतों में बाघ ने फिर एक आवारा गोवंश को मार दिया। गन्ने के खेत में अधखाया शव देख लोगों में खलबली मच गई। वन विभाग की टीम ने बाघ के पगचिन्ह देखे। सामाजिक वानिकी के एसडीओ ने भी मौके पर जाकर जानकारी जुटाई। उन्होंने लोगों से खेतों पर समूह बनाकर काम करने के लिए प्रेरित किया। ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष न हो। बाघ की निगरानी के लिए टीम लगाई गई है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल की सीमा खुली होने से वन्यजीव आसानी से आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। पूरनपुर और कलीनगर क्षेत्र में आए दिन वन्यजीवों की चहल कदमी और उनके द्वारा होने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। जंगल से बाहर वन्यजीवों की रोकथाम न होने से लोग परेशान हैं। कलीनगर क्षेत्र का गांव चांदूपुर पीटीआर के जंगल से काफी दूर है। ग्रामीणों के मुताबिक पिछले कई दिन से बाघ आबादी क्षेत्र में देखा जा रहा है। उसने गांव से कुछ दूर स्थित खन्नौत नदी की झाड़ियों में अपना ठिकाना बना रखा है। चार दिन पहले बाघ ने गांव के सिख फार्मर दलजीत सिंह के घर के पीछे खेत में पालतू गाय को मार दिया था। अब फिर गांव के जगदीश के गन्ने के खेत में बाघ ने आवारा गोवंश का शिकार किया। गुरुवार को लोग गन्ने की छिलाई-कटाई करने पहुंचे तो पशु का अधखाया शव देख उनमें खलबली मच गई। बाघ द्वारा आबादी क्षेत्र में पशुओं का शिकार करने से लोगों में दहशत है। खेतों में बाघ के डर से कृषि कार्य भी प्रभावित हैं। समाजिक वानिकी के वन दरोगा अजमेर सिंह, फारेस्ट गार्ड हर्षित, महेंद्र व टाइगर ट्रेकर कंहैयालाल, आदित्य आदि ने पगमार्क देखे।
वनाधिकारी की बात....
सामाजिक वानिकी के एसडीओ अंजनि कुमार ने भी टीम के साथ पहुंचकर जानकारी जुटाई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार-गुरुवार की रात को बाघ ने एक आवारा गोवंश को गन्ने के खेत में मारा है। शव को दफन करा दिया गया है। निगरानी के लिए टीम लगाई गई है। लोगों को भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
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