खाद्यान्न कालाबाजारी मामले में डीएम सख्त, जिम्मेदार बचाने में जुटे
Pilibhit News - बिलसंडा में हाईवे के पास एक गोदाम में पीडीएस खाद्यान्न की कालाबाजारी पकड़ी गई। जिलाधिकारी ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने मामले में देरी पर नाराजगी जताई और एफआईआर दर्ज कराने का आदेश...
बिलसंडा। नगर में हाईवे से सटे गोदाम में पकड़े गए पीडीएस खाद्यान्न मामले में जिलाधिकारी ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राशन कालाबाजारी के मामले में डीएसओ से रिपोर्ट तलब की गई है। हालांकि गंभीर मामले में शुक्रवार शाम 30 घन्टे बाद भी जिम्मेदार एफआईआर नहीं करा पाए। पूरेदिन जिम्मेदार गोलमोल बयानबाजी करते रहे। बिलसंडा में गुरुवार सुबह नहर से सटी मिल के पुराने गोदाम में पीडीएस के चावल की कालाबाजारी होते हुए रंगेहाथों पकड़ी गई थी। शाहजहांपुर क्षेत्र से पहुंचे लोगों ने बाकायदा उसका वीडियो बनाया। गोदाम के बाहर मिनी मैटाडोर खड़ी थी। अंदर सरकारी बोरों से चावल निकालकर उसको प्लास्टिक के बोरों में रिफलिंग किया जा रहा था। दोपहर को इसकी शिकायत एसडीएम बीसलपुर नागेन्द्र पांडे तक पहुंची। जिसके बाद एसडीएम ने राजस्व टीम को मौके पर भेजा। लेखपाल नीरज राठौर, विवेक दीक्षित, अरविंद कुमार ने मौके पर पहुंचकर वीडियोग्राफी करते एसडीएम को प्रकरण बताया। पीडीएस खाद्यान्न के साक्ष्य मिलने पर एसडीएम भी हैरान रह गए। एसडीएम ने कार्रवाई के निर्देश देते हुए नायब तहसीलदार अवधेश कुमार, सप्लाई इंस्पेक्टर शांतिस्वरूप व पुलिसफोर्स को मौके पर भेजा। गोदाम के भीतर पीडीएस चावल के 27 सीलबंद बोरे, 16 कट्टे रिफलिंग होते व मौके पर कई कुंतल चावल बिखरा हुआ मिला। एक मिनी मैटाडोर बरामद हुई। अफसरों ने गोदाम स्वामी समेत तमाम लोगों के बयान दर्ज कर गोदाम सील कर दिया। सुबह जिलाधिकारी ने प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। बाबजूद उसके पूर्ति विभाग शाम तक तहरीर देने थाने नहीं पहुंच सका।
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एसडीएम ने जताई नाराजगी
हाईवे से सटे गोदाम में पकड़े गए पीडीएस खाद्यान्न मामले में कार्रवाई पर देरी पर एसडीएम ने कड़ी नाराजगी जताई है। पकड़े गए चावल के पीडीएस खाद्यान्न पुष्टि के बाद अगले दिन शाम तक कार्रवाई में देरी पर एसडीएम ने पूर्ति निरीक्षक से पूछा, कि जब खाद्यान्न के पीडीएस के होने की पुष्टि हुई है तो फिर अब किस जांच की जरूरत है, देरी क्यूं हो रही ? एसडीएम ने सख्त लहजे में कहा, बिना किसी देरी के प्रकरण में राशन कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज कराते हुए मुझे अवगत कराएं।
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रिफलिंग के बाद 60 किलो वजन
सरकारी बोरों वाले चावल वजन 50 किलो होता है। लेकिन कालाबाजारी करने के लिये गोदाम में 60 किलो के प्लास्टिक कट्टे तैयार किये जा रहे थे। अधिकांश मिलों व बाजार में 60 किलो वाले कट्टों की बिक्री होती है। एक अफसर ने बताया कि गरीबों को बांटने वाला यही चावल यहीं से पहले मिल और बाद में दोबारा सरकारी गोदामों में पहुंच जाता है।
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क्या बोले डीएसओ
सुबह ही मामले में राशन कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। जिनको भेजा है वो पहुंचने वाले होंगे।
विकास कुमार, डीएसओ
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डीएम का वर्जन
एफआईआर कराने के लिए अधिकारियों की तरफ से रिपोर्ट आ रही है। इसमें अनुमति दी जाएगी और कालाबाजारी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
- संजय कुमार सिंह, डीएम।
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