मोबाइल टावर से लेकर ओवरहैडटैंक अब सोलर से
Pilibhit News - जिले में सोलर क्रांति की शुरुआत हो गई है। लोग अपने निजी प्लांट के जरिए 3000 किलोवाट बिजली उत्पादन कर रहे हैं। शासन की नीति के तहत ऊर्जा संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सौर ऊर्जा का इस्तेमाल...

बदलाव की आहट के बीच जिले में सोलर क्रांति ने घरों में दस्तक देना शुरू कर दिया है। जिले को मिले लक्ष्यों के सापेक्ष अब तक तीन हजार किलोवाट बिजली का उत्पादन तो अकेले सोलर पैनल के जरिए लोग अपने निजी प्लांट पर करने लगे है। यही नहीं शासन की रीति नीति के अंतर्गत ऊर्जा को बचाने के लिए संचार निगम के टावर हों अथवा जल निगम की पानी की टंकियां। यहां तक कि बिजली सब स्टेशन पर भी सोलर ऊर्जा के जरिए उपभोक्ताओं की डिमांड को पूरा करने का संकल्प लिया गया है। पृथ्वी दिवस पर इस बार हमारा ग्रह : ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत पर ध्यान विषय पर केंद्र से लेकर राज्य सरकारें और जिला प्रशासन तक फोकस कर रहा है। लोगों का कहना है कि यह समय के साथ जरूरी भी है। जिले में 2027 तक के लिए नेडा को दस हजार पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत कनेक्शन का लक्ष्य दिया गया है। जल जंगल और हरियाली के लिए मशहूर तराई के जिले में अधिक ऊर्जा की दिक्कतें न होने के बावजूद यहां अब तक 545 कनेक्शन जागरूकता के चलते हो चुके हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह से सोलर क्रांति पर ध्यान दिया जा रहा है उसमें आने वाले समय में इसमें बहुत तेजी आ जाएगी।
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