Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़पीलीभीतRescue Operation for Tiger Responsible for Kedari s Death in Bansakheda

पीटीआर में हाथियों के साथ गुनहगार बाघ की तलाश

बांसखेड़ा में केदारी की मौत के लिए जिम्मेदार बाघ को पकड़ना आसान नहीं है। जंगल में बाघ की लोकेशन जानने के लिए टीमें प्रयास कर रही हैं, लेकिन हाथियों की मदद जरूरी है। केदारी ने बंदरों को भगाने के दौरान...

Newswrap हिन्दुस्तान, पीलीभीतWed, 11 Sep 2024 07:53 PM
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बांसखेड़ा में केदारी की मौत के गुनहगार बाघ का रेसक्यू करना या उसे पकड़ पाना आसान नहीं है। दरसअल जंगल के अंदर बाघ की लोकेशन के लिए पीटीआर की टीमें कोशिशें तो कर रही है। पर बिना हाथियों की मदद लिए यह काम संभव नहीं है। जंगल में एक तरफ सघन जंगल और दूसरी तरफ दलदली जमीन वाले जंगल में अब हाथियों को कांबिंग के लिए लगाया गया है। माला रेंज में पिछले दिनों बांसखेड़ा के केदारी खेत में फसल रखवाली पर थे। इसी दौरान वहां आएं बंदरों ने उत्पात मचा दिया। इस पर केदारी उन्हें भगाने को आगे बढ़े तो जंगल के करीब तक पहुंच गए। इस पर जंगल के कर्मियों ने केदारी को जंगल से दूर रहने की हिदायतें दीं। केदारी बंदरों को भगाने में यह भूल गए कि जंगल पास में ही है। जंगल अधिकारियों का दावा है कि जिस वक्त हमला हुआ उस वक्त बाघ के सोने का समय होता है। संभवत: बाघ एक झटके से उठा और सामने केदारी पड़ गया। इसके बाद पूरा घटनाक्रम जंगल के अंदर हो गया। अब बाघ की लोकेशन जानने को वन विभाग की टीमें काम तो कर रही हैं। पर जंगल का इलाका होने के कारण मुश्किलें भी कम नहीं है। घटनाक्रम वाले स्थान पर एक से अधिक बाघों का मूवमेंट हैं। ऐसे में गुनहगार बाघ को स्पाट कर पाना आसान नहीं है। ऐसे में कैमरों के अलावा वन कर्मियों की टीमों व कर्नाटक से आए चार हाथियों में से दो को कांबिंग में लगाया गया है।

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